युवक का अनोखा जीवन: 15 साल से एक जैसा खाना और दिनचर्या

एक जापानी व्यक्ति १५ सालों से रोज़ एक जैसा खाना खाते हैं और एक जैसी दिनचर्या जीते हैं। उनका मानना है कि इससे उन्हें मानसिक तनाव कम होता है और बेहतर फैसले लेने में मदद मिलती है।

एक दशक से भी ज़्यादा समय से एक जैसी दिनचर्या और एक जैसा खाना खाने वाले एक जापानी व्यक्ति ने अपने जीवन में आए बदलाव के बारे में बताया। उनका कहना है कि इससे उन्हें हर दिन अलग-अलग फैसले लेने का मानसिक तनाव नहीं होता। वह दावा करते हैं कि इससे उन्हें प्रलोभनों में फँसे बिना अपने मन को नियंत्रित रखने की क्षमता मिली है।

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, सूचना उद्योग में काम करने वाले 38 वर्षीय गो किटा पिछले 15 सालों से हर दिन एक जैसी दिनचर्या का पालन करते हैं और एक जैसा खाना खाते हैं।

Latest Videos

अध्ययन बताते हैं कि हर दिन लोगों को 35,000 तक फैसले लेने पड़ते हैं। लगातार इस तरह फैसले लेने से व्यक्ति अत्यधिक मानसिक थकान का शिकार हो सकता है। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ऐसा होता है, तो लिए गए फैसले गलत हो सकते हैं और व्यक्ति तर्कसंगत फैसले लेने में विफल हो सकता है।

15 साल पहले जब किटा ने पहली बार नौकरी शुरू की, तो काम पर लेने पड़ने वाले ढेर सारे फैसलों से उन्हें मानसिक तनाव होता था। तभी उन्होंने अपने निजी जीवन के विकल्पों को कम करने का फैसला किया। इसके लिए किटा ने पूर्व जापानी बेसबॉल स्टार इचिरो सुजुकी से प्रेरणा ली।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुजुकी सालों से सख्त दिनचर्या का पालन करते आ रहे हैं। हर दिन एक ही समय पर एक जैसा खाना खाना, नियमित समय पर व्यायाम करना, खेलों के बीच नियमित अंतराल पर स्नान करना, ये सब कुछ सुजुकी एक ही तरह से करते थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस तरह की जीवनशैली ने सुजुकी को प्रशिक्षण और खेलों पर ध्यान केंद्रित करने और सफलता हासिल करने में मदद की।

सुजुकी से प्रेरित होकर, किटा खाने के मामले में उसी अनुशासन का पालन करते हैं जो वे कपड़ों और अन्य दैनिक गतिविधियों में करते हैं। वर्षों से एक ही तरह के कपड़े पहनते हैं। इसके अलावा, एक ही रंग और एक ही तरह के जूते भी इस्तेमाल करते हैं। साथ ही, शेविंग, कपड़े धोना, नाखून काटना आदि जैसी दैनिक गतिविधियाँ कब करनी हैं, यह तय कर लिया है।

किटा बताते हैं कि व्यक्तिगत विकल्पों को कम करने से उनका मानसिक बोझ कम हुआ है और इससे उन्हें काम पर ज़्यादा प्रभावी फैसले लेने में मदद मिली है।

(तस्वीर प्रतीकात्मक है)

Share this article
click me!

Latest Videos

क्या है केजरीवाल का मूड? कांग्रेस के खिलाफ फिर कर दिया एक खेल । Arvind Kejriwal । Rahul Gandhi
उज्जैन में हरि-हर मिलन: शिव बोले विष्णु से ‘संभालो अपनी सृष्टि-मैं चला श्मशान’
SDM थप्पड़कांड के बाद 10 धाराओं में दर्ज हुआ केस, हवालात में ऐसे कटी नरेश मीणा की रात । Deoli-Uniara
UPPSC Student Protest: डिमांड्स पूरी होने के बाद भी क्यों जारी है छात्रों का आंदोलन, अब क्या है मांग
Dev Diwali 2024: देव दिवाली आज, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और सबसे खास उपाय