Karnataka hijab row: जब हिजाब को लेकर पाकिस्तानी सांसद ने की थी अपने ही मंत्री की आलोचना

कर्नाटक हाईकोर्ट आज हिजाब विवाद (Hijab row) मामले में अपना फैसला सुनाएगा। मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम खाजी की तीन न्यायाधीशों की पीठ इसपर सुनवाई कर रही थी।

ट्रेंडिंग डेस्क: कर्नाटक में हिजाब विवाद (Karnataka Hijab controversy) को लेकर पिछले 3 महीने से जारी है। लेकिन आज हाई कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। हिजाब की आग सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी लगी है। यहां भी हिजाब को लेकर राजनैतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहता है। कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान की एक महिला सांसद ने कहा था कि कि हम एक तरफ हिजाब को लेकर भारत के मामलों में दखल दे रहे हैं, जबकि यहां महिलाओं की रैली निकालने पर प्रतिबंध की बात कही जा रही है। आइए आपको बताते हैं, इस ट्वीट के बारे में जहां पाकिस्तान का दोहरा चेहरा एक बार फिर सामने आया...

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क्या है पूरा मामला
यह वाक्या है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 के मौके का। जब पाकिस्तान के एक मंत्री नुरुल हक कादरी ने प्रधानमंत्री इमरान खान को लेटर लिखकर देश में 8 मार्च को विमेंस डे के मौके पर होने वाले मार्च को रोकने की मांग की थी। मंत्री ने इस मार्च को रोककर इसकी जगह अंतरराष्ट्रीय हिजाब दिवस बनाने की बात कही थी। 

जिसके बाद पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की महिला सांसद शेरी रहमान ने एक ट्वीट कर लिखा था कि- धार्मिक मामलों के मंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर औरत मार्च के बजाय "अंतर्राष्ट्रीय हिजाब दिवस" ​​की मांग की है। पाकिस्तान में खतरे में हिजाब पहनने का अधिकार कैसे है? बिल्कुल विपरीत। वह किसी भी दिन हिजाब मना सकता है।" उन्होंने यह भी लिखा कि "महिलाओं को हिजाब दिवस मनाने से कोई रोक नहीं रहा, लेकिन एक तरफ हम हिजाब को लेकर भारत की आलोचना कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अपने देश में महिलाओं की रैली का विरोध कर रहे हैं। यह भी महिलाओं की स्वतंत्रता और अधिकारों का हनन है। अपने ट्वीट में उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ग की महिलाओं का नेतृत्व करता है। इसका मकसद सोसाइटी में रूढ़िवादी सोच को खत्म कर महिलाओं को जागरूक करना है। इस पर रोक लगाना उनके अधिकारों को छीनने जैसा है।"

भारत में हिजाब विवाद
भारत में हिजाब विवाद की शुरुआत कर्नाटक के उडुपी गवर्नमेंट कॉलेज से 27 दिसंबर, 2021 को शुरू हुई थी। जब कुछ लड़कियों को हिजाब पहनकर क्लास आने से रोका गया था। जिसके बाद 4 छात्राओं ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसपर 25 फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम खाजी की तीन न्यायाधीशों की पीठ शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आज अपना फैसला सुनाएंगे।

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