कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ टैक्सी ड्राइवर बना शख्स, 40000 की जगह अब कमाता है 56000 महीना

Published : Oct 17, 2025, 03:02 PM IST
Dipesh Kumar

सार

बेंगलुरु के दीपेश ने परिवार के लिए 40,000 की कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ दी। अब वे टैक्सी चलाकर 21 दिन में 56,000 कमाते हैं। बेहतर वर्क-लाइफ बैलेंस के साथ, उन्होंने अपना व्यवसाय भी बढ़ाया है।

बेंगलुरु के एक नौजवान की कहानी सोशल मीडिया पर सबका ध्यान खींच रही है, जिसने अपने परिवार के साथ ज्यादा वक्त बिताने के लिए अपनी कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ दी। यह पोस्ट साबित करती है कि जिंदगी में कामयाबी का मतलब सिर्फ कॉर्पोरेट नौकरी पाना नहीं है। उद्यमी वरुण अग्रवाल ने अपने उबर ड्राइवर दीपेश के बारे में यह कहानी लिंक्डइन पर शेयर की है।

अग्रवाल अपने पोस्ट में बताते हैं कि दीपेश कभी एक कॉर्पोरेट कंपनी में काम करते थे और हर महीने लगभग 40,000 रुपये सैलरी पाते थे। दीपेश का कहना है कि भले ही यह एक पक्की नौकरी थी, लेकिन इससे उन्हें बहुत नुकसान हो रहा था। वह अपनी पत्नी और बच्चों के लिए समय नहीं निकाल पा रहे थे और वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, 'ये हैं दीपेश, आज मेरे उबर ड्राइवर थे।' दीपेश के लिए उनका परिवार और मन की शांति ज्यादा कीमती थी, इसीलिए उन्होंने कॉर्पोरेट नौकरी छोड़कर फुल-टाइम टैक्सी ड्राइवर बनने का फैसला किया। भले ही लोग कहें कि नौकरी छोड़ना बेवकूफी है, लेकिन दीपेश के लिए यह एक बहुत अच्छा फैसला था। जहां पहले वह 40,000 कमाते थे, वहीं अब टैक्सी चलाकर महीने में 56,000 रुपये तक कमा लेते हैं, और वह भी सिर्फ 21 दिन काम करके।

इतना ही नहीं, अग्रवाल बताते हैं कि दीपेश ने अपनी खुद की एक कार खरीदकर उस पर एक ड्राइवर भी रखा है और अब वह इस काम को और बढ़ाने की कोशिश में हैं। उन्होंने अपने पोस्ट में यह भी कहा, 'कभी-कभी जिंदगी में आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका ड्राइवर की सीट पर बैठना होता है।'

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