12 मई को रूपंदेही और नेपालगंज में अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति ठप हो जाने से 15 कोविड-19 मरीजों की मौत हो गई। काठमांडू के बीर अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर में अगले दिन 18 और मरीजों की मौत हो गई क्योंकि वे समय रहते ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं भर पाए। काठमांडू के अस्पतालों को एक दिन में 22,0000 सिलेंडर ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, लेकिन अभी प्रति दिन केवल 12,000 सिलेंडर उपलब्ध हैं।
नई दिल्ली. कोरोना महामारी की दूसरी लहर का असर नेपाल में भी देखने को मिल रहा है। हर दिन 9000 से अधिक केस सामने आ रहे हैं। देश सीमित मेडिकल फैकेल्टी और ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा है। वहीं वैक्सीनेशन के लिए नेपाल सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) से कोविशील्ड वैक्सीन की 1.7 मिलियन खुराक का भी इंतजार कर रहा है।
कोविड हॉस्पिटल में खाली नहीं हैं बेड
काठमांडू के एक डॉक्टर ज्योतिंद्र शर्मा ने कहा, अभी किसी भी हॉस्पिटल में कोई बेड खाली नहीं है, जहां कोरोना के रोगियों का इलाज हो सके। यहां तक कि अगर कोई बेड है, तो ऑक्सीजन की भारी कमी है।
ऑक्सीजन की कमी से हुईं मौतें
12 मई को रूपंदेही और नेपालगंज में अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति ठप हो जाने से 15 कोविड-19 मरीजों की मौत हो गई। काठमांडू के बीर अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर में अगले दिन 18 और मरीजों की मौत हो गई क्योंकि वे समय रहते ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं भर पाए। काठमांडू के अस्पतालों को एक दिन में 22,0000 सिलेंडर ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, लेकिन अभी प्रति दिन केवल 12,000 सिलेंडर उपलब्ध हैं।
कोविशील्ड की 10 लाख खुराक मिल चुकी है
इस साल की शुरुआत में नेपाल को कोविशील्ड की 10 लाख खुराक मिली थी। वहीं इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल की लिक्विड ऑक्सिजन की जरूरत को भारत की ओर से पूरा किया जा रहा है। नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली के विदेशी मामलों के सलाहकार राजन भट्टाराई ने इस बात की पुष्टि की।
नेपाल में कोविड की दूसरी लहर
मई में स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, कोविड की दूसरी लहर के तहत नेपाल 11,000 कोविड बेड, 700 वेंटिलेटर और 1600 आईसीयू बेड की कमी से जूझ रहा है। 18 मई को नेपाल में 9,198 नए केस दर्ज किए गए। यहां संक्रमित व्यक्तियों की कुल संख्या 4,64,218 हो गई है। देश में 5,215 मौतें दर्ज की गई हैं।
हरिद्वार महाकुंभ भी बना वजह
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेपाल में कोरोना की दूसरी लहर बढ़ने में हरिद्वार के महाकुंभ की भी बड़ी भूमिका है। अप्रैल में दोनों देशों के 9.1 मिलियन लोग इसमें शामिल हुए थे। नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह और पूर्व रानी कोमल शाह महाकुंभ से लौटे तो वे कोरोना संक्रमित पाए गए थे।
अप्रैल में लग गया था पूरा लॉकडाउन
अप्रैल के अंतिम हफ्ते में नेपाल ने पूरा लॉकडाउन लगा दिया था। बॉर्डर को सील कर दिया था। लेकिन कोरोना के केस बढ़ते चले गए।
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