देश में कोरोना की दूसरी लहर से संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। इस बीच कुछ झूठी खबरें लोगों को और भी डरा रही है। ऐसी ही एक खबर ऑक्सीजन को लेकर वायरल हो रही है। कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए देश में कई जगहों पर ऑक्सीजन की कमी हो रही है। इस बीच कुछ मीडिया आउटलेट्स ने बताया है कि भारत ने विदेशों में अपने 700 प्रतिशत ऑक्सीजन का निर्यात किया। लेकिन पीआईबी ने साफ किया है कि रिपोर्ट झूठी है।
नई दिल्ली. देश में कोरोना की दूसरी लहर से संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। इस बीच कुछ झूठी खबरें लोगों को और भी डरा रही है। ऐसी ही एक खबर ऑक्सीजन को लेकर वायरल हो रही है। कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए देश में कई जगहों पर ऑक्सीजन की कमी हो रही है। इस बीच कुछ मीडिया आउटलेट्स ने बताया है कि भारत ने विदेशों में अपने 700 प्रतिशत ऑक्सीजन का निर्यात किया। लेकिन पीआईबी ने साफ किया है कि रिपोर्ट झूठी है।
क्या खबर वायरल हुई?
कई मीडिया संस्थानों में खबर चली कि अप्रैल से जनवरी 2021 के बीच भारत में ऑक्सीजन का निर्यात दोगुना होकर 9,301 टन तक पहुंच गया है। 8.9 करोड़ रुपए की कमाई की गई।
इंड्रस्ट्रीयल ऑक्सीजन की वजह से हुई गलतफहमी
भारत 2020-21 में कोरोना वायरस का सामना कर रहा है। पीआईबी का कहना है कि यह इंड्रस्ट्रीयल ऑक्सीजन को मेडिकल ऑक्सीजन के रूप में गलत तरीके से बताकर झूठी खबर फैलाई जा रही है। दो प्रकार के ऑक्सीजन निर्यात होते हैं, एक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन और दूसरा इंड्रस्ट्रीयल ऑक्सीजन।
12 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का निर्यात
भारत ने 2020-21 में 9884 मीट्रिक टन इंड्रस्ट्रीयल ऑक्सीजन का निर्यात किया है और केवल 12 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का निर्यात किया। वार्षिक निर्यात भारत के कुल वार्षिक उत्पादन का 0.4% से कम है।
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