देश में बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारियां जोरशोर से हो रही हैं। बुलेट ट्रेन के ट्रैक के बाद अब स्टेशन (Railway Station) पर भी काम शुरू हो गया है। रेलवे ने इस बारे में जानकारी साझा की है। यह स्टेशन मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन रूट (Mumbai-Ahmedabad Bullet train route) पर बन रहा है। यह रूट देश का पहला बुलेट ट्रेन रूट (First Bullet Train Route) है।
नई दिल्ली। देश में जल्द ही बुलेट ट्रेन रेलवे ट्रैक पर दौड़ती दिखेगी। इसे चलाने के लिए अब अंतिम चरण में तैयारियां की जा रही हैं। बुलेट ट्रेन के ट्रैक निर्माण के बाद अब इसके रेलवे स्टेशन (Railway Station) पर भी काम शुरू हो गया है। अधिकारियों के मुताबिक, यह स्टेशन मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन रूट (Mumbai-Ahmedabad Bullet train route) पर बन रहा है। यह रूट देश का पहला बुलेट ट्रेन रूट (First Bullet Train Route) है।
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (National High Speed Rail Corporation Limited) के एक अधिकारी की मानें तो मुंबई-अहमदाबाद रूट पर स्थित चार स्टेशनों, जिनमें वापी, बिलीमोरा, सूरत और भरुच शामिल हैं, पर काम चल रहा है। दिसंबर 2024 तक काम पूरा कर लिया जाएगा और स्टेशन रनिंग कंडीशन में आ जाएंगे। अधिकारी के मुताबिक, इन चार में सूरत ऐसा स्टेशन होगा, जो सबसे पहले बनकर तैयार होगा। बता दें कि नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के तहत इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जा रहा है।
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कुछ खास बन रहा पहला 237 किमी लंबा पुल
पहले बुलेट ट्रेन रूट पर चार स्टेशनों के साथ-साथ 237 किलोमीटर लंबे पुल पर भी काम चल रहा है। यह खास पुल है और इस पर लंबी-ऊंची रेल लाइन सड़क को सपोर्ट करने वाले खंभों की सीरीज होगी। बीते दिसंबर में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी थी कि भारत की पहली बुलेट ट्रेन वर्ष 2026 में सूरत से बिलीमोरा स्टेशन के बीच चलाई जाएगी। यह दूरी करीब 50 किलोमीटर है।
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तीन राज्यों से होकर गुजरेगी पहली बुलेट ट्रेन
सूत्रों की मानें तो इस प्रोजेक्ट में भूमि अधिग्रहण को लेकर पेंच फंस गया है। वैसे, रेलवे मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इस समस्या का समाधान जल्द कर लिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए गुजरात में करीब 98 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण हो चुका है, जबकि महाराष्ट्र में 56 प्रतिशत। वहीं, दादरा और नागर हवेली केंद्र शासित प्रदेश में अधिग्रहण पूरा कर लिया गया है। इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास वर्ष 2017 में किया गया था। पहले इसे 2023 में पूरा करने का टारगेट था, लेकिन अब तमाम वजहों से यह प्रोजेक्ट तीन साल आगे यानी वर्ष 2026 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। 508 किमी लंबे इस कॉरिडोर में बांद्रा-कुर्ला कांप्लेक्स, ठाणे, विरार, बोइसर, वापी, बिलीमोरा, सूरत, भरुच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद और साबरमती स्टेशन होंगे।