ट्रेन में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने वाले शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हालांकि आरोपी ने खुद की तरफ से सफाई देने की कोशिश की, लेकिन कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया।
स्वीडन. यहां रहने वाले 50 साल के पूर्व कैंसर वैज्ञानिक (Former Cancer Scientist) प्रभात शाक्य पर दो महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न (Sexually Assaulte) का आरोप लगा है। कोर्ट ने उसे 52 हफ्ते जेल की सजा सुनाई। हालांकि सुनवाई के दौरान शाक्य बार-बार कहता रहा कि वह सिर्फ फ्लर्टिंग (Flirting) कर रहा था, मास्टरबेटिंग (Masturbating) नहीं। लेकिन कोर्ट ने उसकी बात नहीं सुनी और सजा सुना दी।
लड़कियों को देखकर खुद की जांघ रगड़ रहा था
कोर्ट में बताया गया कि विल्टशायर में रहने वाले 50 साल के डॉक्टर प्रभात शाक्य (Dr Prabhat Sakya) ने अपनी बगल में बैठी महिलाओं के पैरों, बैक, पेट और सीने को छूने की कोशिश की। पीड़ितों में से एक ने कहा कि शाक्य उसकी पतलून को छू रहा था। कोर्ट में बताया गया कि आरोपी ने अपना दाहिना हाथ आर्मरेस्ट पर रखा और एक मैग्जीन निकाली। उसका बाया लड़की के हाथ को टच कर रहा था। पीड़िता का मानना है कि उसे छूने के लिए आरोपी ने ये सब हरकतें कीं। आरोपी सोने का नाटक कर रहा था। पीड़िता ने बताया कि उसकी आंखें खुली हुई थीं। कोर्ट में बताया गया कि दोषी ने लड़कियों को देखकर अपनी जांघ को रगड़ना शुरू कर दिया। वह मास्टबेटिंग कर रहा था।
सीट खाली थी, फिर भी महिला के पास बैठा
दूसरी महिला को निशाना बनाए जाने को लेकर कोर्ट को बताया गया कि ट्रेन की अधिकांश सीट खाली थी, लेकिन उसने सब सीट छोड़कर महिला की बगल वाली सीट को चुना। इसके बाद बगल में बैठकर पैरों को सहलाने लगा। उसने अपना हाथ आर्मरेस्ट पर रख दिया। फिर दूसरा हाथ उसकी ओर कर दिया। आरोपी ने पीड़िता की बांह और कोहनी को अपने हाथ से दबाया। उसके पेट और बैक को दबाने की कोशिश की। ये देखकर महिला डर के मारे जम गई। जैसे ही ट्रेन स्विंडन स्टेशन पर पहुंची। आरोपी ने फिर से महिला को छूने की कोशिश की। वह अपना हाथ महिला के घुटने से छाती की ओर ले गया।
ट्रेन रुकने पर महिला ने पुलिस को खबर किया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। तब आरोपी ने सफाई देते हुए कहा कि वह मास्टरबेटिंग नहीं कर रहा था। बस छेड़छाड़ कर रहा था। वहीं डरी हुई पीड़िता ने कहा कि अब ट्रेनों का इस्तेमाल करना सुरक्षित नहीं है। शाक्य ने बताया कि वह यौन उत्पीड़न के दो मामलों में दोषी नहीं है। उसे एक केस में दोषी ठहराया गया और 24 महीने के लिए निलंबित- 52 हफ्ते की जेल की सजा सुनाई गई। आरोपी प्रभात शाक्य अभी बेरोजगार है। उसका दावा है कि वह 2018 से 2020 तक इंपीरियल कॉलेज लंदन (Imperial College) में प्रोग्राम मैनेजर था। उसने पहले कैंसर रिसर्च यूके में सेल बायोफिजिक्स लैब में और यूनिलीवर में एक सर्फेक्टेंट और कोलाइड वैज्ञानिक के रूप में काम किया है।
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