इस आदिवासी की मौत के साथ ही धरती से मिट गई एक रहस्यमयी जनजाति, 25 साल से अमेजन के जंगल में अकेला रहता था

बाकी सभ्यताओं ने एकदम दूर एकांत में रहने वाले इस व्यक्ति को द मैन ऑफ द होल(The Man of the Hole) कहा जाता था। यह नाम इसलिए पड़ा, क्योंकि ये जानवरों के शिकार या अपने रहने के लिए गहरे गड्डे खोदने में एक्सपर्ट रहे।

वर्ल्ड न्यूज. ब्राजील की स्वदेशी जनजाति( Brazilian Indigenous tribe) के अंतिम बचे मेंबर की मौत की खबर है। यानी इसकी मौत के बाद इस जनजाति का धरती से अस्तित्व ही खत्म हो गया है। यह आदमी पिछले 25 सालों से एकदम अकेला( isolation) घने और डरावने जंगल में निवास कर रहा था। यानी यह सारी दुनिया से कटा हुआ था। इसे इस धरती का सबसे लंबा आइसोलेशन पीरियड मान जा सकता है। इस व्यक्ति का नाम क्या था, किसी को नहीं मालूम। यह  तनारू स्वदेशी भूमि(Tanaru Indigenous Land) का एकमात्र निवासी था, जो पश्चिमी ब्राज़ीलियाई अमेजन के वर्षावन(Amazon rainforest) में बोलीविया की सीमा पर स्थित है। तनारू इंडिजीनियस टेरेटरी 2007 में ब्राजील सरकार द्वारा संरक्षित स्वदेशी क्षेत्र था। बता दें कि तनारू क्षेत्र ब्राजील के सबसे हिंसक क्षेत्रों में से एक विशाल पशु फार्मों(vast cattle ranches) में गिना जाता रहा है। यह समुद्री जंगल का एक छोटा सा द्वीप है।

1970 के नरसंहार में मारे गए थे बाकी लोग
बाकी सभ्यताओं ने एकदम दूर एकांत में रहने वाले इस व्यक्ति को द मैन ऑफ द होल(The Man of the Hole) कहा जाता था। यह नाम इसलिए पड़ा, क्योंकि ये जानवरों के शिकार या अपने रहने के लिए गहरे गड्डे खोदने में एक्सपर्ट रहे। ब्राजील की स्वदेशी मामलों की एजेंसी(Brazil's Indigenous affairs agency) FUNAI के सदस्यों ने 2018 में इस अकेले व्यक्ति को फिल्माया था। फुटेज में यह टॉपलेस आदमी एक पेड़ पर कुल्हाड़ी जैसा कोई टूल चलाते दिखा था। यह अपने समुदाय का एकमात्र सर्वाइवर(only survivor of his community) था, जो अपनी मर्जी से सारी दुनिया से अलग-थलग(voluntary isolation) में था। 1970 के दशक के बाद से अपनी भूमि का विस्तार करने की इच्छा रखने वाले रैंचरों(किसान या भूमाफिया) ने इन आदिवासियों को जंगल से खदेड़ने काफी खून-खराबा किया था। रैंचरों(ranchers) ने तब बड़ा नरसंहार(massacred) किया था। यह आदमी तब बच गया था।

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सर्वाइवल इंटरनेशनल( Survival International) के रिसर्च एंड एडवोकेसी डायरेक्टर फियोना वॉटसन ने कहा, "कोई भी बाहरी व्यक्ति इस आदमी का नाम या उसकी जनजाति के बारे में बहुत कुछ नहीं जानता था। उसकी मृत्यु के साथ इस समुदाय के लोगों के नरसंहार की दुनिया से कहानी भी खत्म हो गई।"

वॉटसन ने दु:ख जताया-"यह उपनिवेशवाद और अपने फायदे के नाम पर दुनिया भर में स्वदेशी लोगों पर की गई भयावह हिंसा और क्रूरता दोनों का सिंबल है। यह उनके प्रतिरोध का भी प्रतीक है।"

बता दें कि तनारू स्वदेशी क्षेत्र की 8,000 हेक्टेयर भूमि ब्राजील के उन 7 संरक्षित क्षेत्रों में से एक है, जो लकड़हारों और खनिकों( loggers and miners) के लिए आदिवासी भूमि में प्रवेश करना अवैध बनाती है।

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