भूकंप से लगभग 10 फीट तक खिसक गया पूरा तुर्की, वैज्ञानिक ने रिपोर्ट में किया चौंकाने वाला दावा

इटली के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जियोलॉजी एंड वॉल्केनोलॉजी के अध्यक्ष डॉ. कार्लो ने कहा कि ये इतना भीषण भूकंप था कि इसकी ताकत देखकर भूविज्ञानी भी हैरान है।

Piyush Singh Rajput | Published : Feb 9, 2023 7:04 AM IST / Updated: Feb 09 2023, 01:05 PM IST

वायरल डेस्क. तुर्किये (तुर्की) में आए 7.8 मैग्नीट्यूड के भूकंप की वजह से पूरा देश दक्षिण पश्चिम की ओर खिसक गया है। ये दावा किया है इटली के भूकंप विज्ञानी डॉ. कार्लो डोग्लियानी ने। उन्होंने बताया कि संभावना है कि इस भीषण भूकंप से तुर्की की जमीन 3 मीटर यानी (10.5 फीट) तक खिसक गई है। इसकी वजह से तुर्की में अब भूकंप से भी बड़े खतरे जन्म ले सकते हैं। बता दें कि तुर्की व सीरिया के कई इलाकों से रेलवे लाइन व सड़कों के कई फीट खिसकने की खबरें भी सामने आ रही हैं।

इस भूकंप से भूविज्ञानी भी डरे

बता दें कि इससे पहले 2011 में जापान और 2022 में भारत के भी अपनी जगह से शिफ्ट होने की रिपोर्ट्स सामने आई थीं। इटली के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जियोलॉजी एंड वॉल्केनोलॉजी के अध्यक्ष डॉ. कार्लो ने कहा कि ये इतना भीषण भूकंप था कि इसे ग्रीस तक महसूस किया गया। वहीं इसकी ताकत देखकर भूविज्ञानी भी हैरान है। डॉ. कार्लो ने कहा कि माना जा रहा है कि इस विनाशकारी भकूंप के वजह से अरेबियन प्लेट उत्तर-पूर्व व एनाटोलियन प्लेट की वजह से तुर्किये (तुर्की) दक्षिण पश्चिम की ओर खिसक गए हैं।

अरेबियन प्लेट पर स्थित है तुर्की

तुर्की-सीरिया इस वजह से भी भूकंप के लिए संवेदनशील हैं क्योंकि ये अरेबियन प्लेट, एनाटोलियन प्लेट व यूरेशियन प्लेट (Arabian plate, Anatolian Plate, Eurasian Plate) के खतरनाक फॉल्ट के ऊपर स्थित है। साइंटिस्ट ने कहा कि भूकंप का किस हद तक प्रभाव पड़ा है ये और अच्छे से जानने के लिए ज्यादा शोध करनी होगी। तुर्की और सीरिया में भूकंप की वजह से सबसे ज्यादा मौतें हुईं क्योंकि ये एनाटोलियन प्लेट के ऊपर स्थित हैं। यहां 18 घंटे के अंदर 80 से ज्यादा आफ्टर शॉक आए।

सामने है भूकंप से भी बड़ा खतरा

अगर शोधकर्ताओं की बात सही निकलती है तो तुर्की-सीरिया और उससे लगे क्षेत्रों के लिए आने वाला समय और भी ज्यादा विनाशकारी हो सकता है। दरअसल, एनाटोलियन प्लेट के खिसकने से पूरे देश में बिछी पानी, गैस व तेल की लाइनें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, जिसके गंभीर परिणाम देखने मिल सकते हैं। वहीं एनाटोलियन प्लेट पर यूरेशियन व अफ्रीकन प्लेट के लगातार दबाव पड़ने से ये खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है। बता दें कि तुर्की-सीरिया त्रास्दी (Turkey Syriya Disaster) में अबतक 15 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।

 

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