क्या होती है होलोग्राम मूर्ति? इंडिया गेट पर कैसे दिखेगी नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति

Published : Jan 23, 2022, 06:00 PM ISTUpdated : Jan 23, 2022, 06:29 PM IST
क्या होती है होलोग्राम मूर्ति? इंडिया गेट पर कैसे दिखेगी नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति

सार

ट्रेडिंग डेस्क।  दिल्ली के इंडिया गेट पर नेता जी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा लगाई जाएगी। जिसका अनावरण पीएम मोदी(Prime Minister Narendra Modi) करेंगे।  26 जनवरी यानि कि गणतंत्र दिवस से पहले 23 जनवरी से 26 जनवरी तक पराक्रम दिवस मनाने का फैसला लिया है। आइये जानते हैं क्या होती है होलोग्राम प्रतिमा और ये कैसी दिखेगी। 

ट्रेडिंग डेस्क।  दिल्ली के इंडिया गेट पर नेता जी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा लगाई जाएगी। जिसका अनावरण पीएम मोदी(Prime Minister Narendra Modi) करेंगे।  26 जनवरी यानि कि गणतंत्र दिवस से पहले 23 जनवरी से 26 जनवरी तक पराक्रम दिवस मनाने का फैसला लिया है। आइये जानते हैं क्या होती है होलोग्राम प्रतिमा और ये कैसी दिखेगी। क्या खास होता है होलोग्राम प्रतिमा में? जब तक नेता जी की मूर्ति तैयार नहीं होती है तब तक होलोग्राम तस्वीर लगाई जाएगी

क्या है होलोग्राम मूर्ति?
नेता जी की होलोग्राम की ये प्रतिमा देश में सबसे अनूठी होगी। इस खास टेक्नोलॉजी में प्रोजेक्टर्स का इस्तेमाल होता है और उन प्रोजेक्टर्स के सहारे 3 डी इमेज तैयार की जाती है। यह ऐसा प्रोजेक्शन होता है, जिसमें तस्वीर हकीकत से मिलती जुलती होती है। इसमें कई तरफ से प्रोजेक्टर्स के जरिए इमेज क्रिएट की जाती है। होलोग्राम में कई साइड से देखा जा सकता है। यानी इमेज के चारों तरफ घूमा जा सकता है और इससे अलग अलग एंगल से जा सकेगा। जिस तरह एक मूर्ति लगी होती है, वैसे ही यह मूर्ति होगी, लेकिन यह वर्चुअल रूप से तैयार की गई होगी। 

क्या बिना चश्मे के दिखेगी मूर्ति?
जब हम 3डी फिल्में देखते हैं तो हमें चश्मे की जरूरत होती है। उस चश्मे की मदद से हमें 3डी इफेक्ट दिखाई देता है। लेकिन होलोग्राम मूर्ति को देखने के लिए चश्में की जरूरत नहीं होती है। ये एक विशेष तरह की लाइट से बनाए जाते हैं जिससे ये रियल फिजिकल ऑब्जेक्ट की तरह दिखते हैं। नेता जी की मूर्ति पर्यटकों को भी खूब अपनी तरफ आकर्षित करेगी। होलोग्राम प्रोजेक्ट करने के लिए प्रोजेक्टर के अलावा एक पारदर्शी होलोग्राफिक स्क्रीन की भी जरूरत होती है। होलोग्राफिक स्क्रीन एक प्रमुख तत्व है जिस पर होलोग्राम की गुणवत्ता निर्भर करती है। ऐसे में यह मूर्ति अपने आप में खास है और इस टेक्नोलॉजी से मूर्ति का निर्माण वाकई देखने  लायक होगा।  

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