यहां सिर्फ पति तोड़ता है लड़की की वर्जिनिटी, टेस्ट में फेल हुई तो जान से मार देते हैं कई घर वाले

ईरान ऐसा देश है, जहां आज भी शादी से पहले लड़कियों का वर्जिनिटी टेस्ट होता है। जो इसमें फेल होती है, उनके घर वाले मोटी रकम खर्च कर हाइमन रिपेयर सर्जरी कराते हैं। कुछ लोग पुराने रीति-रिवाजों से इसकी जांच करते हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 8, 2022 10:10 AM IST

तेहरान। दुनियाभर में लड़कियों को यौन प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है। विभिन्न देशों और समुदायों में यह अलग-अलग तरह से हो सकता है। इन्हीं में एक है वर्जिनिटी टेस्ट। भारत में कुछ लड़के वाले चोरी-छिपे शादी से पहले लड़की का वर्जिनिटी टेस्ट कराते हैं। हालांकि, पुरुषों के लिए वर्जिनिटी का कोई मानक नहीं है, ऐसे में उनके लिए ऐसा कोई टेस्ट भी नहीं है और न ही किसी लड़की वाले ने ऐसी डिमांड रखने की अब तक जुर्रत या हिम्मत दिखाई है। हालांकि, बहुत से महिला संगठन इस बात पर सामने आ रहे हैं कि लड़कियों को यह कैरेक्टर सर्टिफिकेट देना बंद किया जाए। यह उनका अपमान है। 

वैसे एडवांस्ड जेनरेशन में ये चीजें कम जरूर हुई हैं, मगर पूरी तरह बंद नहीं हुई हैं। बहुत से देश हैं, जहां लड़कियों के वर्जिनिटी टेस्ट के बाद ही उनकी शादी तय होती है। ईरान ऐसा ही देश है, जहां वर्जिनिटी टेस्ट के बाद न सिर्फ शादी तय होती है बल्कि, दहेज की रकम भी इसी आधार पर तय होती है। हैरान करने वाली बात ये है कि यह टेस्ट कई बार चिकित्सीय नहीं होकर अलग तरीके से किया जाता है। 

मोटी रकम खर्च कर हाइमन रिपेयर सर्जरी कराते हैं लड़की वाले 
महिलाओं की वर्जिनिटी टेस्ट को जरूरी मानने के बाद भी कई ऐसे लोग होते हैं, जो मेडिकल साइंस पर भरोसा नहीं करते। जो इस टेस्ट में किसी वजह से फेल साबित होती हैं, उन पर परिवार की ओर से हाइमन रिपेयर सर्जरी का दबाव बनाया जाता है, जिससे जांच में वह लड़की वर्जिन दिखे। इस सर्जरी में काफी पैसा खर्च होता है, मगर लड़की वाले रकम जुटाकर इसे कराते हैं, जिससे शादी में दहेज कम देना पड़े। यहां कई ऐसे मामले भी सामने आए, जिनमें लड़की अगर टेस्ट में पास नहीं हुई, तो परिवार वालों ने उसकी जान ले ली। 

जिन्हें मेडिकल साइंस पर भरोसा नहीं, सुहागरात पर बिस्तर पर सफेद चादर बिछाते हैं 
वहीं, कई डॉक्टरों का कहना है कि वर्जिनिटी टेस्ट कराने का दबाव लड़के वालों की तरफ से कम और लड़की वालों की तरफ से ज्यादा होता है, जबकि लड़कियां ऐसा कोई टेस्ट नहीं कराना चाहतीं। इस टेस्ट के बावजूद कुछ ऐसे भी दकियानूसी लोग होते हैं, जिन्हें मेडिकल साइंस पर भरोसा नहीं। वे रीति-रिवाजों के हिसाब से ही इसकी जांच अपने स्तर से करते हैं। इसके लिए सुहागरात पर लड़की के बिस्तर पर सफेद चादर बिछाई जाती है और अगली सुबह देखा जाता है कि उस पर खून लगा है या नहीं। 

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