मौत से एक दिन पहले 'भाभी जी...' के मलखान' ने कही थी बड़ी बात, को-एक्ट्रेस ने शेयर की आखिरी बातचीत

एक्ट्रेस चारुल मलिक 'भाभी जी घर पर हैं' में कमिश्नर की साली का रोल कर रही हैं। वे दीपेश के साथ अक्सर रील बनाती थीं। उनकी मानें तो सेट पर वे सबसे ज्यादा करीब उनके और टीका का रोल करने वाले  वैभव माथुर के साथ थे। 

एंटरटेनमेंट डेस्क. 'भाभीजी घर पर हैं' (Bhabhi Ji ghar Par Hai) में पुलिस कमिश्नर रेशम पाल (किशोर भानुशाली) की साली मिस्टी मुखर्जी का रोल कर रहीं एक्ट्रेस चारुल मलिक (Charrul Malik) को-एक्टर दिवंगत दीपेश भान (Deepesh Bhan) को बहुत याद कर रही हैं। उन्होंने अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट में दीपेश के साथ अपनी आखिरी मुलाक़ात को याद किया है, जो उनकी मौत से एक दिन पहले हुई हुई थी। चारुल ने यह भी बताया है कि 22 जुलाई को हुई मुलाक़ात के दौरान दीपेश ने उनसे अपने दिल की बातें साझा की थीं। पढ़िए चारुल ने क्या कुछ लिखा है अपनी लंबी-चौड़ी पोस्ट में...

'अब मैं सब से ऊपर उठ जाऊंगा'

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चारुल ने लिखा है- दीपेश सबसे प्यार करता था। किसी-किसी बात पर थोड़ा नाराज़ हो जाया करता था। वो बातें, जिन्हे आप और हम इग्नोर कर सकते हैं, वो नहीं कर पाता था। सेट पर सबसे ज्यादा वैभव (टीका) और मेरे करीब था। मुझसे बस कहता था यारा मैं अब दुनियादारी सीख रहा हूं। मैंने बहुत टेंशन ले ली। अब मैं सब से ऊपर उठ जाऊंगा। ये बात दीपेश ने मुझसे अपने जाने से एक दिन पहले कही। वो ऊपर से मजबूत था, पर अंदर से बिल्कुल बच्चा। एक दम मासूम और अनफ़िल्टर्ड। मैं बस एक ही बात कहता थी.. दीपेश शूटिंग के अलावा भी लाइफ रखो। अपने पुराने दोस्तों से मिला करो। वो बोला हां मेरे एक आईएएस दोस्त हैं, एक बड़ी कंपनी में सीईओ है, एक ये है एक वो है..सबसे मिलूंगा। मैं खुद पर ध्यान दूंगा। हेल्थ फिट रखूंगा, स्टाइलिश रहूंगा, गरीब दोस्तों से मिलूंगा आदि।"

पांच दिन पहले ही लिया था नया फोन

चारुल लिखती हैं, "डांस का बहुत शौक था, रीलों का भी..मुझसे रोज कहता था दीपेश..चलो आज ये रील्स बनाएंगे, अब तो मैने नया फोन भी ले लिया है। 5 दिन पहले ही नया फोन लिया था दीपेश ने। फिर कहता था बहुत लोगो को अच्छा नहीं लगता कि मैं सिर्फ तुम्हारे साथ ही रील्स क्यों बनाता हूं,  पता नहीं मैं तुम में खुद को देखता हूं। तुम खुश रहती हो। सबसे अच्छे से बात करती हो, पॉजिटिव वाइब्स मिलते हैं तुमसे। दुनिया ऊपर से कुछ और, अंदर से कुछ और है यारा। संभल कर रहना तुम भी। मैं कहती थी जरूर। मैं लोड नहीं लेती दुनिया का..तुम भी मत लिया करो।

पत्नी और बेटे की बातें अक्सर करते थे दीपेश

बकौल चारुल, "फैमिली से बहुत खुश रहता था। नेहा और मीत दोनो की बातें पूरा दिन। नेहा ने आज ये बनाया है खाने में। मीत ने आज टोस्ट मेकर तोड़ दिया। आज स्विमिंग पे लेके जाऊंगा मीत को घर जाके।एक्टिव वो शुरू से था। उसके सिक्स पैक एब्स आज से नहीं सालों से थे। जिम जाना बहुत पसंद था। बस शायद उससे पता नहीं चल पाया कि दिल की बीमारी,  जो उसके परिवार में थी, उसके अंदर घर बना चुकी है। नॉर्मल टेस्ट में क्लैरिटी नहीं मिल पाती, जब तक हम पूरे टेस्ट ना करवा लें। जैसे एक सप्ताह के लिए पल्स टेस्ट, एक सप्ताह के लिए हार्ट मोनिटरिंग आदि। काश वो ये सब टेस्ट एक सप्ताह आराम से करवा लेता तो उससे अंदर की तस्वीर पता चल जाती कि शरीर अंदर से क्या संकेत दे रहहा है। फिर शायद कार्डियो एक्सरसाइज कम कर देता मेरा यारा।जिनको भी हृदय रोग का इतिहास है, वो कृपया उचित जांच करवाएं। ब्लड रिपोर्ट्स में गहराई से जानकारी नहीं मिलती है। बाकी टेस्ट बहुत जरूरी है। क्योंकि हार्ट और ब्रेन का कनेक्शन है। कार्डिएक अरेस्ट से कई बार ब्रेन डैमेज हो जाता है। दीपेश के केस में पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ। इलिए क्लैरिटी नहीं मिल पाई। डॉक्टरों ने कहा कि यह कार्डिएक अरेस्ट के बाद ब्रेन हैमरेज हो सकता है।"

दीपेश की बातों में रहती थी नाराजगी

चारुल अपनी पोस्ट में लिखती हैं, "दीपेश की बातों में नरजगी रहती थी। किसी का नाम नहीं लेता था, बस यही कहता था सबको पता है। सब देख रहे हैं। मुझे नहीं पता वो किस किस से नाराज़ था, लेकिन मैं अगर किसी से नाराज़ नहीं हूं तो जरूर बोलूंगी कि भाई ..सॉरी मेने कुछ गलत के दिया हो तो। जितना हो सके प्यार फैलाओ..जिंदगी छोटी सी है। खुश रहो और सबको खुश रखो। क्या पता कौन किस दौर से गुजर रहा हो। हमारी एक प्यार भरी बात से किसी को सुकून मिल जाए, इतना भर भी काफ़ी है।"

छोटी-छोटी बातों को दिल पर ले लेते थे दीपेश

चारुल ने लिखा है, "वो बहुत प्यारा इंसान था, जो सबका अच्छा सोचता था। ना राजनीति करता था, ना समझता था। छोटी-छोटी बातों को दिल पर ले लिया करता था। तुरंत रिएक्ट कर देता था। जो कि एक अच्छे इंसान की निशानी है। आप और हम बैलेंस करते रहते हैं। कब, कहां, किसे, कैसे, क्या बोलना है? ये सोच लेते हैं। पर वो नहीं सोचता था।मेरे प्रोड्यूसर्स बिनैफर मैम और संजय कोहली सर ने मुझे बहुत दिया है। एक्टर्स के पास काम नहीं होता आजकल,  लेकिन टचवुड मुझे कास्ट किया है मेरे प्रोड्यूसर ने बैक टू बैक। 17-18 साल हो गए दोनों के साथ। बहुत अच्छे लोग हैं। मैं इनका साथ कभी नहीं छोडूंगी। लाखों में एक था मेरा दोस्त। मेरा बेस्ट यारा। यारा मिलेंगे, कभी न कभी। फिर रील बनाएंगे बनाएंगे। अपना ख्याल रखना और दिल पर कुछ भी मत लेना।"

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