कलर्स टीवी के सीरियल 'नमक इश्क का' (Namak Ishq Ka) विवादों में आ गया है। पिछले साल 7 दिसंबर को शुरू हुए इस सीरियल में चमचम नाम की एक नाचने वाली लड़की की कहानी दिखाई गई है। सीरियल 'नमक इश्क का' के ऑन एयर होने के बाद से ही सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया था।
मुंबई/लखनऊ। कलर्स टीवी के सीरियल 'नमक इश्क का' (Namak Ishq Ka) विवादों में आ गया है। पिछले साल 7 दिसंबर को शुरू हुए इस सीरियल में चमचम नाम की एक नाचने वाली लड़की की कहानी दिखाई गई है। सीरियल 'नमक इश्क का' के ऑन एयर होने के बाद से ही सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया था। लोग 'नमक इश्क का' को बंद करवाने की मांग कर रहे थे। यहां तक कि 6 जनवरी, 2020 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में एक याचिका भी लगाई गई थी। लखनऊ हाई कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है।
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस रमेश सिन्हा का कहना है कि इस सीरियल के खिलाफ एक्शन लेने के लिए याचिकाकर्ता को संबंधित अधिकारी के पास जाना चाहिए। हाई कोर्ट का ये फैसला सीरियल 'नमक इश्क का' के मेकर्स के लिए राहत की खबर है। इस याचिका में हाईकोर्ट से गुजारिश की गई थी कि सीरियल 'नमक इश्क का' को बंद कर दिया जाए। बता दें कि ये शिकायत कल्चरल क्वेस्ट नाम की एक डांस सोसाइटी की तरफ से की गई थी। इस याचिका में दावा किया गया है कि सीरियल 'नमक इश्क का' में महिलाओं की छवि को गलत तरीके से दिखाया गया है।
सीरियल 'नमक इश्क का' के प्रोमो में इस बात का दावा किया गया है कि स्टेज पर डांस करने वाली लड़की से कोई शादी नहीं करना चाहता है। ऐसे में याचिकाकर्ता ने सिनेमेटोग्राफी एक्ट 1952 के तहत सीरियल 'नमक इश्क का' के मेकर्स के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। हालांकि उनकी यह मांग खारिज हो गई है।