18 मई को शुभ योग में करें भगवान विष्णु और शिवजी के ये उपाय, पूरी हो सकती है हर इच्छा

ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अचला एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 18 मई, सोमवार को है। एकादशी पर विष्णुजी के लिए व्रत-उपवास किए जाते हैं और सोमवार के स्वामी शिवजी हैं और इस दिन का कारक ग्रह चंद्र है।

Asianet News Hindi | Published : May 17, 2020 3:01 PM IST

उज्जैन. ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अचला एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 18 मई, सोमवार को है। एकादशी पर विष्णुजी के लिए व्रत-उपवास किए जाते हैं और सोमवार के स्वामी शिवजी हैं और इस दिन का कारक ग्रह चंद्र है। एकादशी और सोमवार का योग होने से इस दिन विष्णुजी के साथ ही शिवजी और चंद्रदेव की भी पूजा व उपाय करने चाहिए। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, जानिए एकादशी और सोमवार के योग में कौन-से उपाय करें-

1. एकादशी पर स्नान के बाद किसी मंदिर जाएं या घर के मंदिर में ही विष्णुजी की मूर्ति के सामने बैठकर व्रत और पूजा करने का संकल्प करें।
2. भगवान की पूजा करें। व्रत करने वाले व्यक्ति को दिनभर अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए, आप चाहें तो एक समय फलाहार कर सकते हैं।
3. पूजा किसी ब्राह्मण से करवाएंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा। भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद चरणामृत ग्रहण करें।
4. पूजा में ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करना चाहिए। एकादशी व्रत के बाद द्वादशी तिथि पर सुबह स्नान के बाद पूजा करें और किसी ब्राह्मण
को घर में बैठाकर भोजन कराएं। इसके बाद स्वयं भोजन ग्रहण करें।
5. शिवलिंग के पास दीपक जलाएं और तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं, काले तिल चढ़ाएं। ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।
6. सूर्यास्त के बाद घर के मंदिर में और तुलसी के पास दीपक जलाएं। हनुमानजी के सामने बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
7. विष्णुजी और महालक्ष्मी की पूजा करें। पूजा की शुरुआत गणेशजी के ध्यान से करें।
8. चंद्रदेव के लिए शिवलिंग पर चांदी के लोटे से दूध चढ़ाएं। ऊँ सों सोमाय नम: मंत्र का जाप 108 बार करें।

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