भीड़ से लगता है डर, तो सूर्य को चढ़ाएं जल, मिलेगा फायदा

हिंदू धर्म में सूर्य को जल चढ़ाने की यह परंपरा बहुत पुराने समय से चली आ रही है। गरुड़ पुराण में भी सूर्य को जल चढ़ाने का महत्व बताया गया है। हम आपको बता रहे हैं कि गरुड़ पुराण के मुताबिक किन लोगों को सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए।

Asianet News Hindi | Published : Sep 8, 2019 10:04 AM IST / Updated: Sep 08 2019, 03:44 PM IST

उज्जैन. रोज सुबह उगते सूर्य को जल चढ़ाना धार्मिक होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी ‌लाभदायक माना जाता है। हिंदू धर्म में सूर्य को जल चढ़ाने की यह परंपरा बहुत पुराने समय से चली आ रही है। गरुड़ पुराण में भी सूर्य को जल चढ़ाने का महत्व बताया गया है। हम आपको बता रहे हैं कि गरुड़ पुराण के मुताबिक किन लोगों को सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए। और रोज सुबह सूर्य को जल चढ़ाने के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं....

1.अगर आप भीड़ से घबराते हैं, तो रोज सुबह उठकर सूर्य को जल चढ़ाएं। आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा और आपमें भीड़ का सामना करने का साहस भी आएगा।  
 

2.जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर हो उनको रोज सुबह उठकर सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए। सूर्य दोवता की कृपा बनी रहती है। 
 

3.आत्मविश्वास की कमी होने पर भी सूर्य को जल चढ़ाना लाभदायक होता है।   
 

4. जो निराशावादी हों, और उन पर नकारात्मकता हावी रहती हो। उन्हें रोजाना सुबह सूर्य देव को जल चढ़ाना चाहिए।
 

5. जिन लोगों को हमेशा कोई अज्ञात भय सताता रहता है। उनको भी रोज सुबह सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए।
 

6. जिन लोगों को घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान चाहिए। उनको भी नित्य सुबह सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए।  

इन सभी लोगों को रोज सुबह जल्दी उठकर सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से सूर्य देव की कृपा सभी पर बनी रहती है।

 

ये हैं सूर्य को जल चढ़ाने का सरल तरीका
- सूर्यदेव को जल चढ़ाने के लिए रोज सुबह जल्दी बिस्तर छोड़ देना चाहिए। स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। जल चढ़ाते समय दोनों हाथों से लोटे को पकड़कर रखना चाहिए।
- लोटे में जल के साथ ही लाल फूल, कुमकुम और चावल भी जरूर डालना चाहिए।
- सूर्य को अर्घ्य देते समय जल की गिरती धार से सूर्य की किरणों को जरूर देखना चाहिए।
- पूर्व दिशा की ओर ही मुख करके ही सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए।
- ध्यान रखें जल चढ़ाते समय जमीन पर गिरा हुआ आपके पैरों तक नहीं पहुंचना चाहिए। किसी ऐसी जगह से सूर्य को जल चढ़ाएं, जहां से सूर्य को अर्पित किया गया किसी के पैरों में न आए।
- जल चढ़ाते समय सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नम: का जाप करते रहना चाहिए।

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