Geeta Jayanti 14 दिसंबर को, इस दिन करें भगवान श्रीकृष्ण की पूजा और मंत्रों का जाप

मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी तिथि को गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 14 दिसंबर, मंगलवार को है। इस तिथि का बहुत ही महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा व व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
 

 

Asianet News Hindi | Published : Dec 11, 2021 2:51 AM IST / Updated: Dec 11 2021, 08:44 AM IST

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार द्वापर युग में कुरुक्षेत्र में जब अर्जुन सामने भीष्म पितामाह आदि अपने सगे संबंधियों को देखकर विचलित हो गए थे, उस समय पर भगवान श्रीकृष्ण को अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसलिए इस दिन गीता जयंती (14 दिसंबर, मंगलवार) (Geeta Jayanti 2021) का पर्व मनाया जाता है। इस दिन एकादशी का व्रत भी किया जाता है, जिसे मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi 2021) कहते हैं। गीता जयंती पर भगवान विष्णु का पूजन करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है और साथ ही मोक्ष भी।

गीता जयंती तिथि
एकादशी तिथि प्रारंभ: 13 दिसंबर, सोमवार रात्रि 09: 32 मिनट पर
एकादशी तिथि समाप्त:14 दिसंबर, मंगलवार रात्रि 11: 35 मिनट तक

पूजा विधि
- गीता जयंती के दिन सर्वप्रथम ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। इसके उपरांत श्रीविष्णु को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें।  
- पूजा घर में जाकर गंगाजल का छिड़काव कर ॐ हर हर गंगे का मंत्रोच्चारण करें। अब भगवान विष्णु की पूजा पीले फल, पुष्प, धूप-दीप, दूर्वा आदि चीजों से करें।  
- गीता पाठ जरूर करें। अंत में आरती अर्चना कर पूजा संपन्न करें।

इन मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं
1. ऊं नमो नारायणाय नम:
2. ऊं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते
3. ऊं श्रीकृष्णाय नम:
4. ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:
5. क्लीं ह्रषीकेशाय नम:
6. ऊं ह्रषिकेशाय नम:
7. श्रीकृष्ण शरणं मम
8. ऊं गोकुल नाथाय नमः

मंत्र जाप की विधि
- एकादशी की सुबह स्नान आदि करने के बाद एक साफ स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- भगवान श्रीकृष्ण की विधि-विधान से पूजा करें। गाय के शु्दध घी का दीपक जलाएं। माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
- भगवान के भोग में तुलसी के पत्ते अवश्य होने चाहिए।
- इसके बाद तुलसी की माला से ऊपर लिखे किसी 1 मंत्र का जाप करें। कम से कम 5 माला जाप करें।
- पूजा करते समय कुशा के आसन का उपयोग करें तो बेहतर रहता है।
- इस तरह मंत्र जाप करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

 

ये खबरें भी पढ़ें...

Mokshada Ekadashi 14 दिसंबर को, इस विधि से करें पूजा और व्रत, ये है शुभ मुहूर्त और महत्व
 

शौर्य और पुरुषार्थ का प्रतीक है कटार और तलवार, विवाह के दौरान दूल्हा क्यों रखता है इसे अपने पास?

परंपरा: व्रत करने से पहले संकल्प अवश्य लें और इन 11 बातों का भी रखें ध्यान

विवाह के दौरान दूल्हा-दुल्हन को लगाई जाती है हल्दी, जानिए क्या है इस परंपरा का कारण

पैरों में क्यों नहीं पहने जाते सोने के आभूषण? जानिए इसका धार्मिक और वैज्ञानिक कारण


 

Share this article
click me!