Hariyali Amavasya पर बन रहा सितारों का शुभ संयोग, इस दिन किए उपायों से मिलता है कई गुना फायदा

आज (8 अगस्त, रविवार) हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2021) है। इस दिन रवि योग, सर्वार्थसिद्धि योग और पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) का विशेष संयोग बन रहा है। ये पर्व मुख्य रूप से किसानों से संबंधित है। इस दिन किसान अपने पशुओं के साथ-साथ कृषि उपकरणों की भी पूजा करते हैं। साथ ही इस दिन पौधे लगाने की भी परंपरा है। मान्यता है कि ऐसा करने से ग्रहों के दोष दूर होते हैं पितृदेव प्रसन्न होते हैं। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 8, 2021 5:50 AM IST / Updated: Aug 08 2021, 11:30 AM IST

उज्जैन. सावन (Sawan) मास की अमावस्या को हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2021) कहते हैं। इसे बार ये 8 अगस्त, रविवार को है। पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, इस बार हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2021) पर रविपुष्य (Ravi Pushya), सर्वार्थसिद्धि और श्रीवत्स नाम के शुभ योग बन रहे हैं। चंद्रमा और शनि अपनी ही राशि में रहेंगे साथ ही सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग भी रहेगा। सितारों की इस शुभ स्थिति में इस पर्व पर किए गए शुभ कामों का फल और भी बढ़ जाएगा।

9.30 तक रहेगा पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra)
हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2021) पर सुबह लगभग 9.30 तक पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) रहेगा। रविवार को पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) हो तो इससे रविपुष्य योग बनता है। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी है। इन दो शुभ योगों में सावन की अमावस्या पर भगवान भोलेनाथ के साथ ही पितृ पूजा करने से पितृ दोष दूर होने की भी मान्यता है। जाने-अनजाने में जो गलती हो, उसके लिए इस दिन पितरों से क्षमा मांगनी चाहिए। साथ ही सूर्यदेव को जल अर्पण करके तुलसी पौधे की 108 परिक्रमा करनी चाहिए।

सालों में एक बार बनता है ये संयोग
डॉ. मिश्र के मुताबिक हर महीने एक अमावस्या आती है साथ ही पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) भी हर महीने आता है। लेकिन रविवार को पुष्य नक्षत्र का योग साल में एक या दो बार ही होता है। वहीं, हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2021) साल में एक बार सावन महीने के दौरान होती है। इसलिए इस पर्व पर रविपुष्य का संयोग कई सालों में एक बार बनता है। यह संयोग स्नान-दान के लिए शुभ और सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन नदियों, तीर्थों में स्नान, गोदान, अन्नदान, ब्राह्मण भोजन, वस्त्र दान करना पुण्य फलदायी माना जाता है।

लाइफ मैनेजमेंट
इस पर्व का मूल उद्देश्य लोगों को प्रकृति के निकट लाना है। हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2021) का पर्व सावन में प्रकृति पर आई बहार की खुशी में मनाया जाता है। हमारी संस्कृति में वृक्षों को देवता स्वरूप माना गया है। मनुस्मृति के अनुसार, वृक्ष योनी पूर्व जन्मों के कर्मों के फलस्वरूप मानी गई है। इसलिए सभी को इस दिन एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए। 

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