कुंडली के दोषों के कारण विवाह में होती है देरी, जानिए शीघ्र विवाह के आसान उपाय

हर माता-पिता का सपना होता है की उनके बच्चों की शादी सही समय पर हो जाए, लेकिन कभी-कभी कुंडली के दोषों के कारण विवाह में देरी होती है। इन दोषों के कारण सुयोग्य लड़के या लड़की की शादी में अकारण ही बाधाएं आती हैं और बहुत कोशिशों के बाद भी विवाह जल्दी नहीं हो पाता है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 4, 2020 6:59 AM IST

उज्जैन. हर माता-पिता का सपना होता है की उनके बच्चों की शादी सही समय पर हो जाए, लेकिन कभी-कभी कुंडली के दोषों के कारण विवाह में देरी होती है। इन दोषों के कारण सुयोग्य लड़के या लड़की की शादी में अकारण ही बाधाएं आती हैं और बहुत कोशिशों के बाद भी विवाह जल्दी नहीं हो पाता है। 

यहां जानिए विवाह में देरी कराने वाले कुछ ऐसे ही दोषों के बारे में-
1. कुंडली के सप्तम भाव में बुध और शुक्र दोनों हो तो विवाह की बातें होती रहती हैं, लेकिन विवाह काफी समय के बाद होता है।
2. चौथा भाव या लग्न भाव में मंगल हो और सप्तम भाव में शनि हो तो व्यक्ति की रुचि शादी में नहीं होती है।
3. सप्तम भाव में शनि और गुरु हो तो शादी देर होती है।
4. चंद्र की राशि कर्क से गुरु सप्तम हो तो विवाह में बाधाएं आती हैं।
5. सप्तम में त्रिक भाव का स्वामी हो, कोई शुभ ग्रह योगकारक नही हो तो विवाह में देरी होती है।
6. लग्न (प्रथम) भाव में, सप्तम भाव में और बारहवें भाव में गुरु या शुभ ग्रह योग कारक न हो और चंद्रमा कमजोर हो तो विवाह में बाधाएं आती हैं।
7. महिला की कुंडली में सप्तमेश या सप्तम भाव शनि से पीड़ित हो तो विवाह देर से होता है।

शादी में देरी हो रही है तो कर सकते हैं ये उपाय-
1. प्रत्येक गुरूवार को वट वृक्ष, पीपल, केले के वृक्ष पर जल अर्पित करने से विवाह बाधा दूर होती है|
2. जिन व्यक्तियों को शीघ्र विवाह की कामना हों उन्हें गुरुवार को गाय को दो आटे के पेडे पर थोड़ा हल्दी लगाकर खिलाना चाहिए। इसके साथ ही थोड़ा-सा गुड़ व चने की दाल खिलाना भी शुभ होता है।
3. प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव-पार्वती की पूजा पूजन करने से भी विवाह की मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं।
4. विवाह योग्य लोगों को शीघ्र विवाह के लिये प्रत्येक गुरुवार को नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए। भोजन में केसर का सेवन करने से विवाह शीघ्र होने की संभावनाएं बनती है|
5. यदि कन्या का विवाह नहीं हो पा रहा है तो चतुर्थी तिथि पर भगवान श्रीगणेश को मालपुए का भोग लगाएं।

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