अच्छे स्वास्थ्य और देवी-देवताओं की कृपा पाने के लिए हमें रोज सुबह ब्रह्म मुहूर्त में ही बिस्तर छोड़ देना चाहिए। ये पुरानी मान्यता है। ब्रह्म का मतलब परम तत्व या परमात्मा और मुहूर्त यानी शुभ समय।
उज्जैन. अच्छे स्वास्थ्य और देवी-देवताओं की कृपा पाने के लिए हमें रोज सुबह ब्रह्म मुहूर्त में ही बिस्तर छोड़ देना चाहिए। ये पुरानी मान्यता है। ब्रह्म का मतलब परम तत्व या परमात्मा और मुहूर्त यानी शुभ समय। आमतौर पर रात के अंतिम समय यानी प्रात: 4 से 5.30 बजे तक के समय को ब्रह्म मुहूर्त माना गया है। हमारी दिनचर्या सुबह उठने से आरंभ होती है। इसलिए सुबह जल्दी उठना दिनचर्या का सबसे पहला और महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसी कारण
हमारी प्राचीन परंपराओं में सुबह उठने का समय भी तय किया गया है, वह है ब्रह्म मुहूर्त। इस समय जागने से हमें कई लाभ मिलते हैं।
शास्त्रों में लिखा है कि-
वर्णं कीर्तिं मतिं लक्ष्मीं स्वास्थ्यमायुश्च विदन्ति।
ब्राह्मे मुहूर्ते संजाग्रच्छि वा पंकज यथा॥
अर्थात- ब्रह्म मुहूर्त में उठने से व्यक्ति को 1. सुंदरता, 2. लक्ष्मी, 3. बुद्धि, 4. स्वास्थ्य, 5. आयु आदि की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से शरीर कमल की तरह सुंदर हो जाता है।
ये है अच्छे स्वास्थ्य का रहस्य
हमारे धर्मग्रंथों में ब्रह्म मुहूर्त में उठने का सबसे बड़ा लाभ अच्छा स्वास्थ्य बताया गया है। क्या है इसका रहस्य? दरअसल सुबह चार बजे से साढ़े पांच बजे तक वायुमंडल में यानी हमारे चारों ओर ऑक्सीजन अधिक होती है। वैज्ञानिक खोजों में भी पता चला है कि इस समय ऑक्सीजन गैस की मात्रा अधिक होती है। सूर्योदय के बाद वायुमंडल में ऑक्सीजन कम होने लगती है और कार्बन डाईआक्साइड बढऩे लगती है। ऑक्सीजन हमारे जीवन का आधार है। शास्त्रों में
इसे प्राणवायु कहा गया है। ज्यादा ऑक्सीजन मिलने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है।