ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह का विशेष महत्व बताया गया है। किसी भी शुभ कार्य से पहले गुरु की स्थिति जरूर देखी जाती है। गुरु के उदय होने पर ही सभी मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। ये ग्रह साल में एक बार राशि बदलता है।
उज्जैन. इस बार 13 अप्रैल को गुरु ग्रह राशि बदलकर कुंभ से मीन में आ चुका है। इस राशि में ये ग्रह एक साल तक रहेगा। इस दौरान कुछ राशि वालों को गुरु के अशुभ फल का सामना करना पड़ेगा। ये राशियां हैं मेष, सिंह, तुला और मकर। ज्योतिष शास्त्र में गुरु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए कई खास उपाय बताए गए हैं, जिन्हें कोई भी कर सकता है। ऐसे ही कुछ उपाय इस प्रकार हैं…
1. गुरु ग्रह से संबंधित शुभ फल पाने के लिए प्रतिदिन सुबह नहाने के पानी एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए। हल्दी न हो तो चंदन का उपयोग भी किया जा सकता है।
2. गुरु ग्रह को शुभ बनाना है तो अपने भोजन में किसी एक पदार्थ में शुद्ध केसर का उपयोग करना चाहिए। अपनी जिव्हा और नाभि पर केसर की बिंदी लगाने से बृहस्पति के शुभ प्रभाव में वृद्धि होती है।
3. कुंडली में बृहस्पति खराब है तो उसे अनुकूल बनाना अत्यंत आवश्यक है। बृहस्पति की अनुकूलता के लिए चंदन का तिलक प्रतिदिन लगाना चाहिए। इससे आपको गुरु ग्रह से संबंधित शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।
4. गुरुवार को भगवान विष्णु के मंदिर जाकर दर्शन करें और पीले फलों जैसे केले, आम आदि का यथाशक्ति भोग लगाएं। बाद में इसे गरीबों में बांट दें। इससे भी गुरु से संबंधित अशुभ फलों की कमी आती है।
5. गुरुवार को किसी मंदिर में केसरिया ध्वज का दान करें। ऐसा न कर पाएं तो किसी विद्वान को पीले रंग की धोती का दान भी कर सकते हैं।
6. अगर गुरु की वजह से विवाह में परेशानी आ रही हो तो किसी योग्य विद्वान की सलाह लेकर पीली पूजा (गुरु से संबंधित विशेष पूजा) करने से आपकी परेशानी दूर हो सकती है।
7. किसी शुभ मुहूर्त में गुरु यंत्र की स्थापना अपने घर में करें और प्रतिदिन उसकी पूजा करें। गुरु यंत्र पर रोज हल्दी जरूर चढ़ाएं।
8. गुरु से संबंधित शुभ फल पाने के लिए पीली चीजों का दान जरूरतमंद लोगों को करना चाहिए जैसे चने की दाल, पीले फल आदि।
9. घर के आंगन में केले का पौधा लगाएं और रोज उसमें पानी डालें। जब वो पौधा बढ़ा हो जाए तो उसके फल स्वयं न खाकर किसी को दान करें।
10. भगवान विष्णु की पूजा करने से भी गुरु ग्रह से संबंधित शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
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