Shraddh Paksha 2022: श्राद्ध के अंतिम 4 दिन बेहद खास, पितृ दोष से बचने के लिए किस दिन, किसका करें तर्पण?

Shraddh Paksha 2022: 10 सितंबर से शुरू हो पितृ पक्ष अब समाप्ति की ओर है। 25 सितंबर को अमावस्या पर अंतिम श्राद्ध किया जाएगा और इसी के साथ पितृ अपने लोक में लौट जाएंगे। श्राद्ध पक्ष के अंतिम 4 दिन बहुत ही खास हैं।
 

Manish Meharele | Published : Sep 22, 2022 3:32 AM IST

उज्जैन. ज्योतिषियों के अनुसार, वैसे तो श्राद्ध पक्ष में हर तिथि का खास महत्व होता है। लेकिन अंतिम तिथियों में किया गया श्राद्ध शुभ फल प्रदान करने वाला माना गया है। इस बार भी पितृ पक्ष के आखिरी चार दिन खास रहेंगे। सबसे पहले 22 सितंबर को संन्यासी श्राद्ध किया जाएगा, इसके बाद 23 सितंबर को मघा नक्षत्र होने से इसका खास महत्व रहेगा। 24 को अकाल मृत्यु वालों का और 25 को सभी पितरों का श्राद्ध करने के लिए सर्वपितृ अमावस्या पर्व रहेगा। इन चारों दिन यदि परिजनों का विधि पूर्वक श्राद्ध किया जाए तो पितृ दोष से बचा जा सकता है।

22 सितंबर को करें संन्यासी श्राद्ध 
ये श्राद्ध आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि पर किया जाता है। परिवार के जिन लोगों ने कभी संन्यास लिया हो और उसी अवस्था में हुई मृत्यु हुई हो तो ऐसे लोगों का श्राद्ध द्वादशी तिथि पर करना चाहिए, यही नियम है। इसलिए संन्यासी श्राद्ध कहा जाता है। 

23 सितंबर को करें मघा श्राद्ध
इस दिन श्राद्ध पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मघा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। तर्पण, पिंडदान आदि पितृ कर्म के लिए इसे बहुत ही शुभ माना गया है। इसे मघा और महाश्राद्ध  भी कहते हैं। चूंकि मघा नक्षत्र के स्वामी स्वयं पितृ देवता हैं, इसलिए इस दिन किया पितृ कर्म बहुत ही शुभ माना गया है।

24 सितंबर करें अकाल मृत्यु श्राद्ध 
इस दिन श्राद्ध पक्ष की चतुर्दशी तिथि रहेगी। ये तिथि बहुत ही खास है क्योंकि इस दिन अकाल रूप से मृत परिजनों का श्राद्ध किया जाता है। अकाल रूप से यानी किसी घटना-दुर्घटना या किसी शस्त्र के द्वारा। अगर किसी परिजन में खुदकुशी की हो तो उसका श्राद्ध भी इसी दिन करने का विधान है।

25 सितंबर को सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या 
इस दिन श्राद्ध पक्ष की अमावस्या तिथि रहेगी। ये पितृ पक्ष का अंतिम दिन भी है। मान्यता है कि इस दिन सभी पितरों का श्राद्ध एक साथ कर सकते हैं, जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए इसे सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या कहते हैं। अगर आप पितृ पक्ष में किसी परिजन का श्राद्ध करना भूल गए हो या जिन परिजनों की मृत्यु तिथि पता न हो, उनका श्राद्ध भी इस तिथि पर करना चाहिए। 

ये भी पढ़ें-

Shraddh Paksha 2022: क्यों व कैसे किया जाता है पितरों का तर्पण? जानें मंत्र, सही विधि व अन्य जरूरी बातें

Sharadiya Navratri 2022: इस बार देवी के आने-जाने का वाहन कौन-सा होगा, कैसे तय होती हैं ये बातें?

Shraddh Paksha 2022: पितृ पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भूलकर भी न करें श्राद्ध, नहीं तो फंस सकते हैं मुसीबत में
 

Share this article
click me!