Surya Gochar November 2022: 17 नवंबर को करें ये उपाय, दूर होंगे सूर्य के दोष और मिलेंगे शुभ फल

Surya Gochar November 2022: सूर्य को ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का राजा कहा जाता है। वहीं धर्म ग्रंथों में सूर्य को पंचदेवों में एक माना गया है। सूर्य हर 30 दिन में राशि बदलता है। सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो इसे संक्रांति कहते हैं।
 

Manish Meharele | / Updated: Nov 17 2022, 06:00 AM IST

उज्जैन. सूर्य का राशि परिवर्तन धार्मिक और ज्योतिषिय दोनों रूप से बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। सूर्य अधिकतम 30 दिन तक एक राशि में रहता है। इसके बाद ये दूसरी राशि में प्रवेश करता है। इस बार सूर्य के राशि परिवर्तन को लेकर थोड़ा मतभेद है। कुछ पंचांगों के अनुसार, सूर्य 16 नवंबर, बुधवार को तुला से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश कर चुका है। वहीं कुछ पंचांगो में इसकी तारीख 17 नवंबर, गुरुवार बताई गई है। सूर्य के वृश्चिक राशि में प्रवेश करने से ये वृश्चिक संक्रांति कहलाएगी। संक्रांति को धर्म ग्रंथों में दान व उपायों (Surya Ke Upay) के लिए बहुत ही श्रेष्ठ माना गया है। इस दिन आगे बताए गए उपाय करना चाहिए…

सूर्यदेव को अर्घ्य दें
सूर्य 17 नवंबर, गुरुवार को वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा। इस मौके पर सुबह उठकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। इसके लिए तांबे के लोटे का उपयोग करें और जल में लाल फूल व कुंकुम भी मिला लें। सूर्य को अर्घ्य देते समय ऊं भास्कराय नम: मंत्र का जाप करें।

इन चीजों का दान करें
17 नवंबर को वृश्चिक संक्रांति के मौके पर सूर्य संबंधित चीजों जैसे गुड़, गेहूं, चना आदि का दान करें। तांबे के बर्तनों का दान भी किसी योग्य ब्राह्मण को करें। इस समय शीत ऋतु का आरंभ होता है। इसलिए ठंड से बचाने वाली चीजों जैसे कंबल आदि का दान भी जरूरतमंदों को करें।

सूर्य के मंत्रों का जाप करें
वृश्चिक संक्रांति के मौके पर लाल चंदन की माला से सूर्य के मंत्रों का जाप करना चाहिए। इससे सूर्य से संबंधित शुभ फलों की प्राप्ति होती है और हर तरह के संकट दूर होते हैं। ये हैं सूर्य मंत्र-
- ऊं घृणि: सूर्यादित्योम
- ऊं घृणि: सूर्य आदित्य श्री 
- ऊं ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम: 
- ऊं ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम:।।

बछड़े सहित गाय का दान करें
धर्म ग्रंथों के अनुसार, जब सूर्य राशि परिवर्तन करता है तो ये तिथि बहुत ही शुभ और पुण्यदाई मानी जाती है। इस मौके पर किसी ब्राह्मण को बछड़े सहित गाय का दान करना चाहिए। इससे आपकी हर तरह की इच्छा पूरी हो सकती है और पुण्य फलों की प्राप्ति से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

तांबे का टुकड़ा नदी में प्रवाहित करें
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य अशुभ स्थिति में हो तो उसे वृश्चिक संक्राति के मौके पर तांबे का चौकोर टुकड़ा नदी में प्रवाहित करना चाहिए। इससे भी सूर्य से संबंधित शुभ फलों की प्राप्ति संभव है।
 

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