रक्षाबंधन स्पेशलः भाई को राखी बांधते समय बहनें जरूर बोलें ये 1 मंत्र

Published : Aug 09, 2019, 03:10 PM ISTUpdated : Aug 09, 2019, 03:16 PM IST
रक्षाबंधन स्पेशलः भाई को राखी बांधते समय बहनें जरूर बोलें ये 1 मंत्र

सार

इस बार रक्षाबंधन 15 अगस्त, गुरुवार को है। भाई को किसी भी संकट से बचने के लिए बहनों को 1 खास मंत्र बोलना चाहिए।

उज्जैन. इस बार 15 अगस्त, गुरुवार को रक्षाबंधन है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र यानी राखी बांधती हैं। राखी बांधकर बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, राखी बांधते समय अगर बहनें नीचे लिखा मंत्र बोलें तो इससे भाई पर कोई संकट नहीं आएगा और उसके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।

मंत्र
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः
तेन त्वां प्रतिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल

अर्थ: जिस रक्षा सूत्र से महान शक्तिशाली दानवेन्द्र राजा बलि को बांधा गया था, उसी सूत्र मैं तुम्हें बांधती हूं, जो तुम्हारी रक्षा करेगा।

कैसे बांधे राखी?
पहले अपने भाई को कुंकुम से तिलक लगाएं उसके ऊपर चावल लगाएं। चावल टूटे हुए न हों।
इसके बाद अपने भाई के हाथों में नारियल दें और राखी बांधें।
राखी बांधते समय ऊपर बताया गया मंत्र भी बोलें।
इसके बाद अपने भाई को मिठाई खिलाएं और उनकी आरती उतारें।
इस तरह रक्षाबंधन का पर्व मनाने से जीवन में खुशियां बनी रहती हैं।

विचारों की पवित्रता को व्यक्त करता है ये पर्व
रक्षाबंधन दो शब्दों से मिल कर बना है- रक्षा और बंधन। रक्षा का अर्थ है बचाना, सावधानी, सुरक्षा और बंधन का अर्थ है जिससे बांधा जाए। अर्थात् सुरक्षा के भाव से किसी से जुड़ना रक्षाबंधन है। 
संस्कृति शब्द रक्षिका का अपभ्रंश शब्द राखी है। इसका अर्थ होता है रक्षा करना। हमें सुरक्षा मिलती है- प्रज्ञा से, प्रेम से, पवित्रता से। इन पर्वों पर हम वेद शिक्षा आरंभ करते हैं, यज्ञोपवीत पहनते हैं और रक्षासूत्र बंधवाते हैं। श्रावण पूर्णिमा को मनाए जाने वाला यह त्योहार भारतीय लोक जीवन में भाई-बहन के पवित्र स्नेह का प्रतीक है। 
किंतु इस दिन मात्र बहन ही भाइयों को राखी बांधती है, ऐसा आवश्यक नहीं है , बल्कि त्योहार मनाने के लिए धर्म के प्रति आस्था होना आवश्यक है। इसलिए इस पर्व में दूसरों की रक्षा के धर्म-भाव को विशेष महत्व दिया गया है। इस प्रकार यह दिन हमारी ज्ञान प्राप्ति की इच्छा और विचारों की पवित्रता के भाव को व्यक्त करता है।

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