करवा चौथ 17 अक्टूबर को, इस पर्व से जुड़ी है सरगी की परंपरा, ये है इससे जुड़ा वैज्ञानिक फैक्ट

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 17 अक्टूबर, गुरुवार को है।

उज्जैन. इस पर्व से जुड़ी अनेक परंपराएं भी हैं, जो इसे और भी खास बनाती हैं। पंजाब आदि कुछ जगहों पर महिलाएं व्रत शुरू होने से पहले कुछ खास चीजें खाती हैं, इसे सरगी कहते हैं। इस परंपरा के पीछे भी वैज्ञानिक फैक्ट हैं, जो इस प्रकार हैं…

व्रत शुरू होने से पहले क्यों खाते हैं सरगी...
- सरगी करवा चौथ की एक महत्वपूर्ण परंपरा है। पंजाब, कश्मीर आदि प्रदेशों में ये परंपरा अधिक प्रचलित है।
- इसके अंतर्गत सूर्योदय से पहले सास अपनी बहू को कुछ विशेष चीजें बनाकर खिलाती हैं जैसे- ड्राय फ्रूट्स की मिठाई, हलवा आदि। इसे ही सरगी कहते हैं।
- दरअसल इस परंपरा के पीछे का पक्ष भी मनोवैज्ञानिक है। जब नई बहू घर में आती है तो उसके लिए करवा चौथ पर पूरे दिन भूखा-प्यासा रहना संभव नहीं होता।
- इसी बात को ध्यान में रखते हुए सास अपनी बहू को व्रत शुरू होने से पहले ऐसी चीजें खिलाती हैं जिससे कि दिन भर शरीर को ऊर्जा मिलती रहे।
- इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि जब बहू गर्भवती होती है तो पूरे दिन निराहार रहने से गर्भ में पल रहे बच्चे को भी पोषण नहीं मिल पाता।
- इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरगी की परंपरा प्रचलन में आई। ताकि प्रेग्नेंसी के समय भी गर्भ में पल रहे बच्चे को संपूर्ण पोषण मिलता रहे।
 

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