किसी भी महिला की जन्म कुंडली देखकर ये मालूम हो सकता है कि उसे संतान का सुख मिल पाएगा या नहीं।
उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार अगर महिला की कुंडली में बांझ योग होता है तो उसे संतान का सुख आसानी से नहीं मिल पाता है। इस योग की वजह से शादी के बाद महिला को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।इस प्रकार के अशुभ योगों से बचने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं, जानिए…
1. अगर किसी महिला की कुंडली में पंचम भाव का स्वामी सप्तम भाव में और सप्तमेश यानी सप्तम भाव का स्वामी अशुभ ग्रहों के साथ हो तो बांझ योग बनता है।
2. यदि किसी स्त्री की कुंडली का पंचम भाव बुध ग्रह की वजह से अशुभ हो गया है या कुंडली के सप्तम भाव में शत्रु राशि या नीच राशि का बुध स्थित है तो स्त्री को संतान सुख प्राप्त करने में बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
3. यदि किसी स्त्री की कुंडली के पंचम भाव में राहु हो और उस पर शनि की दृष्टि हो, सप्तम भाव पर मंगल और केतु की नजर हो, शुक्र अष्टम भाव का स्वामी हो तो संतान पैदा करने में समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
4. किसी महिला की कुंडली के सप्तम भाव में सूर्य नीच का हो या शनि नीच का हो तो संतान प्राप्ति में समस्याएं आती हैं।
संतान सुख के लिए करें ये उपाय
1. हरिवंश पुराण का पाठ करें।
2. गोपाल सहस्रनाम का पाठ करें।
3. कुंडली के पंचम-सप्तम भाव अशुभ ग्रहों के उपाय करें।
4. गाय के दूध का सेवन करें।
5. शिव-पार्वती की पूजा रोज करें।