लगभग दो साल पहले एयर लाइन्स की बड़ी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश के बाद अब भारत सरकार ने एयर इंडिया लिमिटेड को पूरी तरह बेचने की तैयारी कर ली है।
वीडियो डेस्क. लगभग दो साल पहले एयर लाइन्स की बड़ी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश के बाद अब भारत सरकार ने एयर इंडिया लिमिटेड को पूरी तरह बेचने की तैयारी कर ली है। तब केंद्र सरकार एयर लाइंस की बोली लगाने के लिए कोई ग्राहक पाने में असफल रही थी।
सरकार की ओर से दस्तावेज जारी किए गए हैं जिसमें एयर लाइंस से जुड़े प्रारंभिक ब्याज को जमा करने की आखिरी तारीख 17 मार्च बताई गई है। वहीं किसी भी बोली लगाने वाले खरीददार को ऋण और अन्य देनदारियों में 232.87 बिलियन रुपये (2.50 बिलियन पाउंड) मानने के लिए सहमत होना होगा।
इसके अलावा, एयरलाइन का मालिक और इस पर नियंत्रण एक भारतीय ईकाई के पास ही रहेगा। 2018 में सरकार ने एयर इंडिया के 76% हिस्से को बेचने की कोशिश की और लगभग 5.1 बिलियन डॉलर का कर्ज उतार दिया गया।
महाराजा शुभंकर के नाम से जानी जाने वाली एयर इंडिया के पास 13,000 से अधिक स्थायी कर्मचारी और अनुबंध कर्मचारी हैं जिनमें 1,850 से अधिक पायलट और 4,600 केबिन क्रू शामिल हैं।