वीडियो डेस्क। कोरोना वायरस को लेकर ब्रिटेन में वैज्ञानिकों ने एक नया ह्यूमन ट्रायल शुरू किया है। इस ट्रायल में एक माइक्रो बॉयोलॉजिस्ट को कोविड-19 का पहला टीका लगाया गया।ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए इस ट्रायल में 800 लोगों में से एलिसा ग्रैनेटो को चुना गया है।
वीडियो डेस्क। कोरोना वायरस को लेकर ब्रिटेन में वैज्ञानिकों ने एक नया ह्यूमन ट्रायल शुरू किया है। इस ट्रायल में एक माइक्रो बॉयोलॉजिस्ट को कोविड-19 का पहला टीका लगाया गया।ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए इस ट्रायल में 800 लोगों में से एलिसा ग्रैनेटो को चुना गया है।
वैज्ञानिकों का दावा है कि यह टीका प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कोरोना से लड़ने में मदद करेगा। टीके लगने के बाद अब 48 घंटे तक एलिसा की सेहत पर नजर रखी जा रही है।
-वैक्सीन के प्रभाव को समझने के बाद वैज्ञानिक दूसरे चरण में अन्य वॉलंटियरों को टीका लगाएंगे।
-दूसरे चरण के लिए 18 से 55 साल तक के स्वस्थ लोगों को चुना गया है।
-इन सभी लोगों को दो गुटों में बांटने के बाद उन पर दोनों अलग-अलग वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा।
-इस रिसर्च के लिए वैज्ञानिकों ने सबसे पहले कोरोना वायरस के सरफेस पर जीन्स से स्पाइक प्रोटीन लिया और उसकी मदद से तैयार वैक्सीन को संबंधित व्यक्ति के शरीर में इंजेक्ट किया।
-यह वैक्सीन शरीर में एंटीबॉडीज को प्रोड्यूस करने के बाद इम्यून सिस्टम को उत्तेजित करेगी।
-शरीर में टी सेल्स को भी एक्टिवेट करेगी, जो इन्फेक्टेड सेल्स को नष्ट करने का काम करेंगे।
-अगर कोरोना वायरस शरीर पर दोबारा भी हमला करेगा तो भी ये एंटीबॉडीज और टी सेल्स उससे लड़कर शरीर का बचाव करेंगे।
-इस वैक्सीन से अब वैज्ञानिकों को काफी उम्मीद हैं।