वीडियो डेस्क। पूरी दुनिया कोरोना वायरस से पस्त हो गई है। ऐसे में हर रोज नई रिसर्च भी सामने आ रही है। अब रिचर्स में पता चला है कि मोटे लोगों के लिए कोरोना सबसे ज्यादा घातक है। कोरोना से बचने के लिए मोटापे से ग्रस्त लोगों को आइसोलेशन 14 दिन रखना काफी नहीं है।
वीडियो डेस्क। पूरी दुनिया कोरोना वायरस से पस्त हो गई है। ऐसे में हर रोज नई रिसर्च भी सामने आ रही है। अब रिचर्स में पता चला है कि मोटे लोगों के लिए कोरोना सबसे ज्यादा घातक है। कोरोना से बचने के लिए मोटापे से ग्रस्त लोगों को आइसोलेशन 14 दिन रखना काफी नहीं है। इटली के शोधकर्ता मोटे लोगों को 28 दिन क्वारंटाइन में रहने की सलाह दे रहे हैं। इनफ्लूएंजा इंफेक्शन पर हुए एक शोध की तर्ज पर वैज्ञानिकों ने ऐसी राय दी है। इंफ्लूएंजा वायरस दुबले लोगों की तुलना में मोटे लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक होता है।
इंफेक्शन की चपेट में आने के बाद उनकी हेल्थ को ज्यादा दिन के लिए मॉनिटर किया जाना जरूरी है। दरअसल शरीर को इंफेक्शन से लड़ने की ताकत देने वाला इम्यून मोटे लोगों का सही ढंग से काम नहीं करता है। जिससे इंफेक्शन फैलने का खतरा ज्यादा होता है। क्रॉनिकल डिसीज़ या हल्की सूजन शरीर में मोटापे के लक्षण होते हैं। जो धीरे-धीरे शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर बना देते हैं।
इस वजह से मोटे लोगों का शरीर कोरोना वायरस जैसे रोगों से नहीं लड़ पाता। यह रिसर्च नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के 'नेचर पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी कलेक्शन' में प्रकाशित हुई है।