दिवाली पर सोना खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे पहले जिस दिन सोना खरीदें उस दिन का भाव पता करें। साथ ही तीन बातों का भी ध्यान रखें। जिससे आपक कभी भी गुमराह या ठगी का शिकार नहीं होगे। ना ही ज्यादा पैसे देने पड़ेंगे
वीडियो डेस्क। इस दिवाली(Diwali) और धनतेरस (Dhanteras)अगर आप सोना (gold) खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। कोरोना की वजह से पिछले 2 साल दिवाली की चमक फीकी रही लेकिन इस बार बाजारों में दिवाली की खूब रौनक दिख रही है। धनतेरस पर सोना खरीदने का प्रचलन हैं महिलाएं उसे लक्ष्मी के आगमन से जोड़कर देखती हैं। लेकिन वहीं दिवाली के मौके पर कई तरह के लुभावने ऑफर्स की वजह से ज्वेलर्स आपको गुमराह भी कर देते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप कुछ बातों का ध्यान रखें। ज्वेलरी के मामले में कई तरह के ठगी के केस सामने आते हैं। आपको पता भी नहीं चलता कि ज्वेलर आपसे किस तरह के चार्ज वसूल कर रहा है।
शॉप से ज्वैलरी खरीदते वक्त ये जरूर देखें कि बिल में क्या-क्या चार्ज जोड़ा गया है। ज्वैलरी खरीदते समय आपको तीन चीजों का ही भुगतान करना होता है। पहला ज्वैलरी की कीमत, दूसरा मेकिंग चार्ज और तीसरा जीएसटी। इसके अलावा ज्वैलर्स आपसे कोई और चार्ज वसूल करता है तो आप उस पर सवाल उठा सकते हैं। ज्वैलरी की शॉपिंग पर 3 फीसदी जीएसटी चार्ज लगता है। इसके साथ ही सोना खरीदने से पहले मार्केट में उस दिन का भाव जरूर मालूम कर लें। बाजार में उपलब्ध ज्वैलरी 22 कैरेट की या फिर 18 कैरेट की होती है। इसके साथ ही ज्वैलर्स मेकिंग चार्ज के नाम पर ज्यादा पैसों की मांग करता है तो मोल-भाव जरूर करें। ज्वैलरी पर 30 फीसदी तक मेकिंग चार्ज लिया जाता है। ज्वैलर्स से हमेशा ऑरिजनल बिल लें। इसके साथ ही हॉलमार्क ज्वैलरी खरीदें। सभी कैरेट का हॉलमार्क अलग होता है, 22 कैरेट पर 916, 21 कैरेट पर 875, 18 कैरेट पर 750 लिखा होता है।