10 जून: सूर्य ग्रहण के दौरान आसमान में दिखेगा रिंग ऑफ फायर

वीडियो डेस्क। विज्ञान के अनुसार जब सूर्य व पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है तो चन्द्रमा के पीछे सूर्य का बिम्ब कुछ समय के लिए ढक जाता है, उसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये खगोलीय घटना अमावस्या तिथि पर होती है। इस बार 10 जून, गुरुवार को साल का पहला सूर्यग्रहण होगा। आगे जानिए इससे जुड़ी कुछ खास बातें…

1. इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून, गुरुवार को होगा, जो दोपहर 01 बजकर 42 मिनट से आरंभ हो होगा और शाम 06 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा। ग्रहण की कुल अवधि लगभग पांच घंटों की होगी।
2. इस बार वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण ज्येष्ठ अमावस्या को लगने जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र और वृषभ राशि में लगने जा रहा है। इसी दिन शनि जयंती के साथ वट सावित्री व्रत भी किया जाएगा।
3. यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा जो भारत के कुछ स्थानों से ही दिखाई देगा। यही कारण है कि भारत में इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। 
4. जब चंद्रमा सूर्य के बीचे के भाग को पूरी तरह ढक लेता है और केवल उसके चमकीले किनारे नजर आते हैं तो उसे 'रिंग ऑफ फायर' कहा जाता है। इस बार के सूर्य ग्रहण में लोगों को यही अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा।
5. यह ग्रहण कनाडा, रूस, ग्रीनलैंड में देखा जा सकेगा। यहां पर यह सूर्य ग्रहण पूर्ण होगा। इसके अलावा उत्तरी अमेरिका के कुछ हिस्सों, यूरोप और उत्तर एशिया में भी यह सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।

वीडियो डेस्क। विज्ञान के अनुसार जब सूर्य व पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है तो चन्द्रमा के पीछे सूर्य का बिम्ब कुछ समय के लिए ढक जाता है, उसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये खगोलीय घटना अमावस्या तिथि पर होती है। इस बार 10 जून, गुरुवार को साल का पहला सूर्यग्रहण होगा। आगे जानिए इससे जुड़ी कुछ खास बातें…

1. इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून, गुरुवार को होगा, जो दोपहर 01 बजकर 42 मिनट से आरंभ हो होगा और शाम 06 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा। ग्रहण की कुल अवधि लगभग पांच घंटों की होगी।
2. इस बार वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण ज्येष्ठ अमावस्या को लगने जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र और वृषभ राशि में लगने जा रहा है। इसी दिन शनि जयंती के साथ वट सावित्री व्रत भी किया जाएगा।
3. यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा जो भारत के कुछ स्थानों से ही दिखाई देगा। यही कारण है कि भारत में इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। 
4. जब चंद्रमा सूर्य के बीचे के भाग को पूरी तरह ढक लेता है और केवल उसके चमकीले किनारे नजर आते हैं तो उसे 'रिंग ऑफ फायर' कहा जाता है। इस बार के सूर्य ग्रहण में लोगों को यही अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा।
5. यह ग्रहण कनाडा, रूस, ग्रीनलैंड में देखा जा सकेगा। यहां पर यह सूर्य ग्रहण पूर्ण होगा। इसके अलावा उत्तरी अमेरिका के कुछ हिस्सों, यूरोप और उत्तर एशिया में भी यह सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।

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