शरद पूर्णिमा पर सिर्फ खीर के भोग का ही महत्व नहीं है बल्कि आज रात की चांद से होने वाली अमृत वर्षा का महत्व है। आज की रात साल में सिर्फ एक बार आती है। आज के दिन ही भगवान ने गोपियों संग महारास रचाया था।
दशहरे से शरद पूर्णिमा तक चन्द्रमा की चांदनी में विशेष हितकारी किरणें होती हैं। इन दिनों में चन्द्रमा की चांदनी का लाभ लेने से मानसिक और शारीरिक रूप से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। प्रसन्नता और सकारात्मकता भी बनी रहती है। कहते हैं कि शरद पूर्णिमा की रात ही भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों संग महारास रचाया था। आइये जानते हैं क्यों खास है शरद पूर्णिमा की रात।