राजपथ पर अपनी ताकत दिखाने के लिए तैयार है  विमान  'डकोटा', 1947 के युद्ध में निभाई थी अहम भूमिका

राजपथ पर अपनी ताकत दिखाने के लिए तैयार है विमान 'डकोटा', 1947 के युद्ध में निभाई थी अहम भूमिका

Published : Jan 24, 2021, 05:37 PM ISTUpdated : Jan 25, 2021, 10:51 AM IST

वीडियो डेस्क। गणतंत्र दिवस (Republic Day) भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है।  इसी दिन सन 1950 को भारत सरकार अधिनियम, 1935 को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। 26 जनवरी को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। इस बार राजपथ पर कोरोना के कारण परेड की लंबाई को काम कर दिया गया है. वहीं इस बार परेड में कई चीज अलग देखने को मिलेंगी। इस बार भारतीय वायुसेना के विंटेज एयरक्राफ्ट बेड़े में 1930 के दशक का एयरक्राफ्ट डकोटा  शामिल हो गया है। राज्य सभा सांसद  और बीजेपी प्रवक्ता राजीव चंद्रशेखर ने इसे उपहार के तौर पर वायुसेना को दिया है। राजीव ने जिस डकोटा डीसी-3 एयरक्राफ्ट को वायुसेना के लिए खरीदा है।  

विमान से जुड़ी हैं पिता की यादें
बीजेपी के राज्यसभा सांसद  राजीव चंद्रशेखर का इस विशेष विमान से जुड़ाव लाजिमी है। राजीव के पिता एयर कोमोडोर एमके चंद्रशेखर (से.नि.) इस विमान को उड़ा चुके हैं। इसलिए ऐतिहासिक महत्व होने के साथ ही उनका इस विमान के साथ व्यक्तिगत लगाव है।  इस विमान ने 1947-48 युद्ध के दौरान सैन्य परिवहन में अहम भूमिका निभाई थी और जम्मू-कश्मीर को बचाया था। इसके बाद बांग्लादेश के गठन में भी इसकी अहम भूमिका रही थी। डकोटा डीसी-3 पहला विमान है जिसे लेह में 11 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर मशहूर वायु योद्धा विंग कमांडर मेहर सिंह ने उतारा था। वायुसेना ने वर्ष 1940 से 198 0 तक इसका भरपूर उपयोग किया था। 
 

वीडियो डेस्क। गणतंत्र दिवस (Republic Day) भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है।  इसी दिन सन 1950 को भारत सरकार अधिनियम, 1935 को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। 26 जनवरी को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। इस बार राजपथ पर कोरोना के कारण परेड की लंबाई को काम कर दिया गया है. वहीं इस बार परेड में कई चीज अलग देखने को मिलेंगी। इस बार भारतीय वायुसेना के विंटेज एयरक्राफ्ट बेड़े में 1930 के दशक का एयरक्राफ्ट डकोटा  शामिल हो गया है।  बेंगलूरु से राज्य सभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने इसे उपहार के तौर पर वायुसेना को दिया है। राजीव ने जिस डकोटा डीसी-3 एयरक्राफ्ट को वायुसेना के लिए खरीदा है।  

विमान से जुड़ी हैं पिता की यादें
बीजेपी के राज्यसभा सांसद  राजीव चंद्रशेखर का इस विशेष विमान से जुड़ाव लाजिमी है। राजीव के पिता एयर कोमोडोर एमके चंद्रशेखर (से.नि.) इस विमान को उड़ा चुके हैं। इसलिए ऐतिहासिक महत्व होने के साथ ही उनका इस विमान के साथ व्यक्तिगत लगाव है।  इस विमान ने 1947-48 युद्ध के दौरान सैन्य परिवहन में अहम भूमिका निभाई थी और जम्मू-कश्मीर को बचाया था। इसके बाद बांग्लादेश के गठन में भी इसकी अहम भूमिका रही थी। डकोटा डीसी-3 पहला विमान है जिसे लेह में 11 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर मशहूर वायु योद्धा विंग कमांडर मेहर सिंह ने उतारा था। वायुसेना ने वर्ष 1940 से 198 0 तक इसका भरपूर उपयोग किया था। 

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