भारत और बांग्लादेश के बीच 22 नवंबर से शुरू होने वाला सीरीज का दूसरा मैच गुलाबी गेंद से डे-नाइट प्रारूप में खेला जाएगा। यह दोनों देशों के लिए पहला मौका है, जब वे गुलाबी गेंद से टेस्ट मैच खेलेंगे। यह भारत का 540वां टेस्ट मैच होगा। गुलाबी गेंद को उतरप्रदेश के मेरठ में SG manufacturing plant में तैयार किया गया है।
वीडियो डेस्क। भारत और बांग्लादेश के बीच 22 नवंबर से शुरू होने वाला सीरीज का दूसरा मैच गुलाबी गेंद से डे-नाइट प्रारूप में खेला जाएगा। यह दोनों देशों के लिए पहला मौका है, जब वे गुलाबी गेंद से टेस्ट मैच खेलेंगे। यह भारत का 540वां टेस्ट मैच होगा। गुलाबी गेंद को उतरप्रदेश के मेरठ में SG manufacturing plant में तैयार किया गया है। लाल गेंद की तरह इसकी सीम को हाथ से सिला गया है। लाल गेंद की तरह इसकी सीम हाथ से ही सिलाई वाली होती है, लेकिन ये काले रंग के धागे की होने से बल्लेबाज को आसानी से दिखाई देती है- बल्लेबाज सीम की दिशा पहचानकर आसानी से स्विंग का अंदाजा लगा लेते हैं, जिससे ज्यादा रन बनने की संभावना है पिंक बॉल पर- गेंद का अंदरुनी कोर कॉर्क व रबर के मिश्रण से आम लाल गेंद जैसा ही बनाया गया है, जबकि उसके ऊपर आम गेंद की तरह ही कॉर्क की लेयर है।