वीडियो डेस्क। भारतीय खेल का जब भी जिक्र होगा तब फ्लाइंग सिख मिल्खा का नाम सबसे ऊपर लिखा जाएगा। वह देश के पहले ट्रैंक ऐंड फील्ड सुपर स्टार थे। उन्होंने शुक्रवार रात को चंडीगढ़ में अंतिम सांस ली। मिल्खा सिंह के करियर की ओलंपिक में पदक से चूकने की कहानी आज भी लोगों को याद है । आइये जानतें है मिल्खा सिंह के नाम कौन कौन से रिकॉर्ड हैं।
वीडियो डेस्क। भारतीय खेल का जब भी जिक्र होगा तब फ्लाइंग सिख मिल्खा का नाम सबसे ऊपर लिखा जाएगा। वह देश के पहले ट्रैंक ऐंड फील्ड सुपर स्टार थे। उन्होंने शुक्रवार रात को चंडीगढ़ में अंतिम सांस ली। मिल्खा सिंह के करियर की ओलंपिक में पदक से चूकने की कहानी आज भी लोगों को याद है । आइये जानतें है मिल्खा सिंह के नाम कौन कौन से रिकॉर्ड हैं। 200 मीटर और 400 मीटर के नैशनल रेकॉर्ड मिल्खा के नाम थे। हालांकि मिल्खा सिर्फ रोम ओलिंपिक के कारण ही महान नहीं थे। भारतीय ट्रैंक ऐंड फील्ड में मिल्खा की उपलब्धियां काफी अधिक हैं।1958 के तोक्यो एशियन गेम्स में उन्होंने 200 मीटर और 400 मीटर में गोल्ड मेडल हासिल किया। यहां उन्होंने 47 सेकंड में गोल्ड मेडल हासिल किया 200 मीटर की दौड़ में मिल्खा ने चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के अब्दुल खालिक को हराया था। उन्होंने महज 21.6 सेकंड में गोल्ड मेडल जीतकर एशियन गेम्स का नया रेकॉर्ड बना दिया।
इतना ही नहीं कॉमनवेल्थ गेम्स में 440 गज की दौड़ में उन्होंने 46.6 सेकंड का समय लेकर नया नैशनल रेकॉर्ड भी बनाया। मिल्खा कॉमनवेल्थ गेम्स में ट्रैंक ऐंड फील्ड में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बने। उनका यह रेकॉर्ड 52 साल तक कायम रहा। यूं तो मिल्खा ने भारत के लिए कई पदक जीते हैं, लेकिन रोम ओलंपिक में उनके पदक से चूकने की कहानी लोगों को आज भी याद है। अपने करियर के दौरान उन्होंने करीब 75 रेस जीती। वह 1960 ओलंपिक में 400 मीटर की रेस में चौथे नंबर पर रहे। उन्हें 45.73 सेकंड का वक्त लगा, जो 40 साल तक नेशनल रिकॉर्ड रहा।1962 के जकार्ता एशियन गेम्स में दो और गोल्ड मेडल जीते। एशियन गेम्स के 400 मीटर के फाइनल के दिन मिल्खा ने फिर सोने का तमगा जीता और युवा साथी को आधे सेकंड के अंतर से मात दी।