
मलेशिया: जिंदगी में हर इंसान अलग-अलग परेशानियों से गुजरता है। ये मुश्किलें इंसान को मजबूत बनाती है। कितनी ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, जहां शरीर से स्वस्थ इंसान मानसिक दवाब में हार जाता है। लेकिन जरा उस महिला के बारे में सोचिये, जो जन्म से दिव्यांग थी। इस वजह से उसके माता-पिता ने उसे अकेला छोड़ दिया। लेकिन महिला ने हार नहीं मानी। तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए आज उसने अपना घर खरीद लिया है।
अनाथाश्रम में बिता बचपन
42 साल की ऐसाह हसीन जन्म से दिव्यांग थी। उन्हें सुनसान जगह पर अकेला पाया गया था। अंधी होने के कारण उसके माता-पिता ने अकेले छोड़ दिया था। इसके बाद ऐसाह को केलंटान के अनाथाश्रम लाया गया। यही उनका बचपन बीता। यहां उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वो दूसरे अनाथाश्रम आ गईं।
आईटी के बाद मिली जॉब
ऐसाह ने स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद आईटी की ट्रेनिंग ली। इसके बाद उसने एक कंपनी में टेलीमार्केटिंग ऑफिसर के तौर पर जॉब करनी शुरू की। लेकिन ऐसाह का सपना तो कुछ और ही था।
19 साल की सेविंग
ऐसाह को अपना घर खरीदना था। इसके लिए उसने 19 साला सेविंग की। पहले 2014 में उसने घर के लिए अप्लाई किया था। लेकिन वो रिजेक्ट हो गया था। इसके अब इस साल उसका फॉर्म एक्सेप्ट हुआ तो ऐसाह की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था। साढ़े 12 लाख कैश देकर उसने घर खरीद लिया। ऐसाह को घर की चाभियां अप्रैल में मिली।
अकेले रहती है घर में
दिव्यांग होने के बावजूद ऐसाह अपने सारे काम खुद करती हैं। वो घर में अकेली रहती हैं। घर के गृह प्रवेश में ऐसाह के नजदीकी दोस्त आए थे। छोटा सा फंक्शन हुआ, जिसके बाद सभी ने ऐसाह को बधाई दी।