वैज्ञानिकों ने चांद की सालों पहले बिछड़ी बहन को ढूंढने का दावा किया है। ये चांद से 34 मिलियन मील दूर मंगल ग्रह के पीछे दिखाई दी। इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने दुनिया के सबसे बड़े दूरबीन की मदद ली थी।
हटके डेस्क: आज तक आपने चंदा मामा के बारे में काफी कुछ सुना। बच्चों को चंदा मामा की कहानियां सुनाकर बड़ा किया जाता है। लेकिन अब नए स्टडी में सामने आया है कि असल में आसमान में एक नहीं बल्कि दो चांद है। जी हां, वैज्ञानिकों ने चांद की सदियों पहले बिछड़ी जुड़वा बहन को ढूंढने का दावा किया है। इस सितारे को 22 साल पहले ढूंढा गया था लेकिन तबसे इसकी जाँच की जा रही थी। अब सामने आया है कि इस सितारे की संरचना ठीक चांद जैसी है।
दुनिया के सबसे बड़े दूरबीन से दिखी मौसी
शोधकर्ताओं ने उत्तरी चिली के अटाकामा रेगिस्तान में यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला के बहुत बड़े टेलीस्कोप का उपयोग करके इस क्षुद्रग्रह का अध्ययन किया। चंद्रमा की लंबे समय से खोई हुई बहन की खोज की जा रही थी। वो मिली तो मंगल ग्रह के पीछे छिपी हुई। विश्लेषण के बाद, खगोलविदों का कहना है कि ये क्षुद्रग्रह चांद से लगभग 1,000 गज के दूरी पर है। इसकी संरचना हमारे चंद्रमा के समान ही है।
ऐसे बना था चांद
क्षुद्रग्रह मंगल के निकट एक तथाकथित लैग्रेंज प्वाइंट पर स्थित है, जहां ग्रह और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण पूर्ण संतुलन में है। चंद्रमा के निर्माण के बारे में कहा जाता है कि लगभग 4.5 बिलियन साल पहले मंगल ग्रह पृथ्वी से टकरा गया था। प्राचीन ग्रह, जिसे थिया कहा जाता है, टाइटैनिक टकराव में पूरी तरह से नष्ट हो गया था और कुछ मलबे बाद में चंद्रमा बनने के लिए एक साथ आए थे। इस तरह चांद बना था।
नई मौसी भी बनी थी इसी तरह
मिले नए क्षुद्रग्रह को (101429) 1998 VF31 के रूप में जाना जाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक़ ये भी चांद बनने के दौरान ही एक ही टक्कर में बना था या कम से कम ठीक उसके बाद में।स्पेक्ट्रोग्राफिक विश्लेषण से पता चलता है कि ये रहस्यमय ग्रह चंद्रमा के समान सामग्री से बना है। "संक्षेप में, इसका चंद्रमा के समान रंग है," अर्मोघ वेधशाला और तारामंडल के एक खगोलशास्त्री, एपोस्टोलोस क्रिस्टोउ ने जानकारी देते हुए कहा।