किंग्स कॉलेज लंदन द्वारा करवाए गए एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि इंसान हर साल करीब एक लाख प्लास्टिक के टुकड़े खाता है। ये प्लास्टिक के माइक्रोफाइबर होते हैं। जो कई तरह से इंसान की बॉडी के अंदर जाकर स्टोर होते हैं।
हटके डेस्क: अगर आपसे कहा जाए कि आप हर साल प्लास्टिक के एक लाख टुकड़े खाते हैं तो शायद आप खुद को जस्टिफाई करते हुए इस फैक्ट को गलत बताएंगे। लेकिन अलग-अलग तरीकों से इंसान इन टुकड़ों को कंज्यूम करता है। प्लास्टिक के ये टुकड़े आपके पानी, खाना, और अन्य चीजों के जरिये बॉडी में समाते हैं। हाल ही में हुए शोध में ये बात सामने आई है कि इंसान की बॉडी में हर साल एक लाख प्लास्टिक के टुकड़े जाते हैं।
इस तरह इंसान खाता है प्लास्टिक
रिसर्चर्स ने इस कचरे को माइक्रोप्लास्टिक नाम दिया है। ये बैग्स और बॉटल्स के जरिये, हमारे जूतों की सोल के जरिये और यहां तक की कार के टायर के हिस्सों के जरिये भी हमारी बॉडी में जाती है। जी हां, प्लास्टिक के ये टुकड़े इतने छोटे होते हैं कि हवा के जरिये ये हमारी नाक से ही बॉडी में समा जाते हैं। यहां तक कि हमारे कपड़ों के मटेरियल जैसे नाइलोन आदि के फैब्रिक से भी कुछ माइक्रोप्लास्टिक बॉडी में समाते हैं।
बॉडी को होता है नुकसान
माइक्रोप्लास्टिक हमारी बॉडी में जाकर स्टोर हो जाती है। ये गंदगी हमारे खून में मिक्स होकर बॉडी के ऑर्गन्स को नुकसान पहुंचाती है। साथ ही बॉडी में कई हानिकारक केमिकल्स भी बनाती है। जिससे हमारे हेल्थ पर काफी बुरा असर पड़ता है। हाल ही में इटालियन रिसर्चर्स ने पाया था कि महिलाओं के प्लासेंटा में भी प्लास्टिक के टुकड़े स्टोर होते हैं। रिसर्चर्स का कहना है कि लोगों को ऐसा लगता है कि प्लास्टिक के ये टुकड़े सीफूड के जरिये इंसान की बॉडी में जाता है। जबकि ऐसा नहीं है। और भी कई तरीके हैं जिससे इंसान प्लास्टिक कंज्यूम कर रहा है।
इस तरह बच सकते हैं माइक्रोप्लास्टिक से
रिसर्चर्स ने माइक्रोप्लास्टिक से बचने का उपाय भी बताया। उन्होंने कहा कि मास्क पहनने से इससे बचाव हो सकता है। लेकिन ध्यान दें कि मास्क सिर्फ एक बार यूज किया जाए। इसके अलावा नल के पानी को पीना प्रेफर करें, ना कि बोतल से। दावा किया गया कि प्लास्टिक के ये टुकड़े हर जगह हैं। ऐसे में इंसान को अपनी हेल्थ के बचाव के लिए कई तरह के प्रिकॉशन लेने चाहिए।