दुनिया के ज्यादातर देश कोरोना वायरस की वजह से तबाह हैं। लाखों की संख्या में लोग इस जानलेवा वायरस से इन्फेक्टेड हो रहे हैं। दुनिया भर में करीब 1 लाख, 60 हजार लोगों की इससे मौत हो चुकी है, लेकिन इस संकट की घड़ी में भी ड्रग्स का अवैध कारोबार करने वाले अपना धंधा बखूबी चला रहे हैं।
हटके डेस्क। दुनिया के ज्यादातर देश कोरोना वायरस की वजह से तबाह हैं। लाखों की संख्या में लोग इस जानलेवा वायरस से इन्फेक्टेड हो रहे हैं। दुनिया भर में करीब 1 लाख, 60 हजार लोगों की इससे मौत हो चुकी है, लेकिन इस संकट की घड़ी में भी ड्रग्स का अवैध कारोबार करने वाले अपना धंधा बखूबी चला रहे हैं। मलेशिया में कोरोना वायरस की वजह से मूवमेंट कंट्रोल ऑर्डर (MCO) लागू है। यह लॉकडाउन जैसा ही है। इस ऑर्डर के लागू होने के बाद लोगों का घरों से निकलना बंद है। लेकिन उन्हें इस बात की छूट मिली हुई है कि वे बाहर से ऑनलाइल फूड मंगवा सकें। इसके अलावा, वे अपनी जरूरत के दूसरे सामान भी मंगवा सकते हैं। इसी का फायदा ड्रग स्मगलर उठा रहे हैं। वे फूड पैकेट में छुपा कर नशीली चीजें अपने कस्टमर्स तक पहुंचा रहे हैं।
फूड डिलिवरी राइडर्स का हो रहा इस्तेमाल
ड्रग सिंडिकेट चलाने वाले स्मगलर अपने कस्टमर्स तक ड्रग पहुंचाने के लिए फूड डिलिवरी राइडर्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये लोग फूड के पैकेट में ड्रग्स छुपा कर लोगों तक पहुंचा देते हैं और उसकी मुंहमांगी कीमत वसूलते हैं। बुकिट अमान नारकोटिक क्राइम्स इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर दातुक रामली का कहना है कि एमसीओ लागू होने के बाद से अब तक करीब 4000 लोगों को ड्रग के अवैध कारोबार में संलिप्त होने की वजह से गिरफ्तार किया गया है।
एमसीओ के दूसरे फेज में बढ़ा ड्रग्स का कारोबार
नारकोटिक क्राइम्स इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर दातुक रामली का कहना है कि 18 मार्च से 16 अप्रैल के बीच 3,923 लोगों को ड्रग्स के अवैध कारोबार में लगे होने की वजह से गिरफ्तार किया गया। इनमें 208 लोगों की गिरफ्तारी 1952 के डेंजरस ड्र्ग एक्ट के तहत की गई।
13 करोड़ रुपए से ज्यादा का ड्रग किया सीज
दातुक रामली का कहना है कि इस दौरान जो ड्रग्स सीज किए गए, उनकी कीमत 7.5 मिलियन आरएम यानी करीब 13 करोड़, 12 लाख, 94 हजार, 649 रुपए थी। इससे समझा जा सकता है कि कितने बड़े पैमाने पर ड्रग्स की तस्करी चल रही थी। नारकोटिक क्राइम्स इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर ने बताया कि ड्रग पहुंचाने के लिए तस्कर बाइक, कार और दूसरे वाहनों का भी इस्तेमाल कर रहे थे। सबसे ज्यादा बाइक का इस्तेमाल ड्रग्स की तस्करी के लिए किया जा रहा था। ड्रग्स की सबसे ज्यादा सप्लाई फूड पैकेट के जरिए की जा रही थी।