सर्जरी के दौरान कहीं हमेशा के लिए न सो जाए, इसलिए बांचती रही यह लेडी गीता के श्लोक

आमतौर पर ऑपरेशन थियेटर में सर्जरी के दौरान डॉक्टर एकदम गंभीर रहते हैं। लेकिन यहां एक मरीज की जिंदगी का सवाल था, इसलिए थियेटर में गीता के श्लोक गूंजते रहे। दरअसल, मरीज के ब्रेन की सर्जरी होनी थी। इसमें उसका होश में रहना जरूरी था। इसलिए उससे कहा गया कि वो गीता के श्लोक पढ़ती रहे।

Asianet News Hindi | Published : Dec 31, 2020 11:40 AM IST / Updated: Dec 31 2020, 05:11 PM IST

अहमदाबाद, गुजरात. हॉस्पिटल के ऑपरेशन थियेटर में क्या कभी सोचा होगा कि वहां मरीज गीता के श्लोक पढ़ेगी? लेकिन ऐसा हुआ। यहां 36 वर्षीय एक महिला मरीज के ब्रेन की सर्जरी के दौरान उससे गीता के श्लोक पढ़ने को कहा गया। यह इसलिए किया गया, क्योंकि सर्जरी के दौरान उसका जागते रहना बेहद जरूरी था। अगर वो सो जाती, तो शायद जिंदा नहीं बचती। यह मरीज हैं भरतभाई दयाबने बुधेलिया। उनकी सर्जरी करीब सवा घंटे चली। इस दौरान वे गीता के श्लोक पढ़ती रहीं। डॉक्टर भी श्लोक सुनते रहे और उनसे बतियाते रहे।

सोना खतरनाक साबित हो सकता था
दयाबेन सूरत की रहने वाली हैं। उनके मस्तिष्क में खिंचाव आ गया था। जांच कराने पर मालूम चला कि गांठ है। अगर समय पर ऑपरेशन नहीं होता, तो लकवा का डर था। यह सर्जरी 23 दिसंबर को न्यूरो सर्जन डॉ़. कल्पेश शाह और उनकी टीम ने की। डॉक्टर ने बताया कि यह एक जटिल सर्जरी थी। मरीज का जागना जरूरी था। जब उन्होंने दयाबेन को इस बारे में बताया गया, तो उन्होंने कहा कि वे गीता के श्लोक पढ़ती रहेंगी।

डॉ. कल्पेश शाह आश्चर्य जताते हैं कि उन्होंने अपने जीवन में अब तक 9000 से ज्यादा ओपन सर्जरी कीं। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ। मरीज को अवेक एनेस्थेसिया दिया गया था। यानी वे जागती रहें। सर्जरी के तीन दिन बाद दयाबेन को डिस्चार्ज कर दिया गया। दयाबेन बताती हैं कि वे बचपन से गीता पढ़ती आ रही थीं, इसलिए उन्हें श्लोक याद थे।

Share this article
click me!