मछुआरे फर्नांडो बेसेरा और विल्सन दा सिल्वा ओलिवेरा कहते हैं कि वे ब्राजील के साओ पाउलो में इल्हा डो मेजर नामक द्वीप पर अपना जाल बिछा रहे थे, जब उन्होंने एक डिस्क के आकार का यूएफओ देखा, जिसमें चमकीले पीले रंग निकल रहा था।
ये हमेशा से आम लोगों के लिए बहस का मुद्दा होता कि क्या एलियन वाकई में होते हैं? लंबे समय से चले आ रहे इस प्रश्न के बीच ब्राज़ील में दो मछुआरों ने खुले आसमान में एक अनजान चीज को उड़ते हुए देखा था।
क्या हुआ था
मछुआरे फर्नांडो बेसेरा और विल्सन दा सिल्वा ओलिवेरा कहते हैं कि 1 अक्टूबर 1995 कोवे ब्राजील के साओ पाउलो में इल्हा डो मेजर नामक द्वीप पर अपना जाल बिछा रहे थे, जब उन्होंने एक डिस्क के आकार का यूएफओ देखा जो एक चमकीले पीले रंग का था और उपर की ओर उड़ रहा था। । इस जोड़ी ने सोचा कि यह एक गुब्बारा था, लेकिन जब वस्तु गति से पहुंची तो उन्हें यकीन हो गया कि यह एक अंतरिक्ष यान है।
मछुआरों ने क्या देखा
विल्सन ने कहा: “मैं भय से लगभग मर गया। मैं नाव के नीचे छिप गया” फर्नांडो ने कहा: "जब रोशनी हमारे सिर के ऊपर था, तो यह दिशा बदल गया और एक छोटे से द्वीप पर चला गया, जहां यह उतरा।"हमने इंजन शुरू होने तक लगभग 10 प्रयास किए और फिर हम उतनी ही तेजी से वहां से भाग गए। "हम देख सकते थे कि यूएफओ हमारे और पियाकाबुआकु नदी के मैंग्रोव के बीच स्थित एक छोटे से द्वीप पर उतरा था।"
देखने के बाद क्या हुआ
फर्नांडो और विल्सन कहते हैं कि उन्होंने अपने रिश्तेदारों को ये बताने के लिए घर वापस आ गए, लेकिन दवा लेने के बावजूद वे सो नहीं सके। अगले दिन भोर में, वे घटनास्थल पर लौट आए और देखा कि वहां 5.5 मीटर के रेंज मे एक गोलाकार निशान बना हुआ है, वहां आसपास घास सूखी और मुड़ गई थी । ऑब्जेक्ट के पास पैरों के चार निशान भी पाए गए, प्रत्येक निशान 10 x 15 सेमी के थे जो मिट्टी में 1.50 सेमी की गहराई तक थे।
अखबार में खबरें आने के बाद हुई जांच
मछुआरों ने घर लौटकर ब्राजील के समाचार पत्र "द ट्रिब्यूना" के पत्रकारों को सैंटोस में उनके द्ववारा देखे जाने वाली यूएफओ की सूचना दी। जिसके बाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस फेनोमेनैब (INFA) के एक्सपरेट्स ने तुरंत जांच शुरू की टीम ने प्लास्टर कर लैंडिंग के निशान को सांचे में ले गए। मिट्टी और घास के नमूने भी ले लिए गए । फिर यूएफओ का पूरा रंग ड्राइंग भी मछुआरों से बनवाया। INFA की एक विस्तृत रिपोर्ट के अनुसार, UFO ने कोई आवाज़ नहीं की लेकिन UFO से निकल रही रोशनी इतना तेज थी कि मछुआरे नदी के किनारे छेद से निकलने वाले केकड़ों को भी देख सकते थे।