डेथ आइलैंड: जिंदा जलाए गए थे 1.6 लाख लोग

इस आइलैंड का नाम सुन कर ही लोगों की रूह कांप जाती है। इटली में स्थित इस आइलैंड में जाने पर सरकार ने पाबंदी लगा दी है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 28, 2019 4:39 AM IST / Updated: Aug 28 2019, 10:26 AM IST

वेनिस। जब हम किसी आइलैंड के बारे में सुनते हैं तो हमें लगता है कि वह बहुत ही खूबसूरत होगा और हम वहां जाने की कल्पना करने लगते हैं। लेकिन इटली में एक ऐसा आइलैंड है, जिसे 'डेथ आइलैंड' कहा जाता है। इस आइलैंड में जाने पर इटली की सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है, क्योंकि देखा गया कि जो भी वहां गया, वापस लौट कर नहीं आ सका। 

कहां है स्थित
यह खौफनाक आइलैंड वेनीसिया झील के नॉर्थ में स्थित है। इस रहस्यमय और खतरनाक आइलैंड को पोवोग्लिया आइलैंड के नाम से भी जाना जाता है। इस आइलैंड से जुड़ी है एक खौफनाक कहानी।

रखा जाता था प्लेग के मरीजों को
कहा जाता है कि सैकड़ों साल पहले इस आइलैंड पर प्लेग के मरीजों को लाकर रखा जाता था और उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया जाता था। मरने वालों को यहीं दफना भी दिया जाता था। धीरे-धीरे यहां प्लेग के मरीजों की संख्या बहुत बढ़ गई। 

मरीजों से निजात पाने के लिए उठाया खौफनाक कदम
कहते हैं कि इस आइलैंड के एक सनकी अधिकारी ने प्लेग के इन मरीजों से निजात पाने के लिए एक खौफनाक कदम उठाया। करीब 1 लाख, 60 हजार  प्लेग के मरीजों को यहां जिंदा जला दिया गया। इसके बाद इस आइलैंड को भुतहा माना जाने लगा और यह पूरी तरह से वीरान हो गया। 

बना पागलखाना
इटली की सरकार ने साल 1922 में यहां एक पागलखाना यानी मेंटल हॉस्पिटल बनवाया। लेकिन उसे कुछ समय के बाद ही बंद करना पड़ा। कहा जाता है कि मेंटल अस्पताल के डॉक्टरों, नर्सों और मरीजों को यहां तरह-तरह क भुतहा चीजें दिखाई पड़ती थीं और उन्हें अजीबोगरीब आवाजें सुनाई पड़ती थीं। हर समय उन्हें लगता था कि कहीं कोई चीख रहा है, कहीं रो रहा है और कहीं से कराहने की आवाजें आ रही हैं। इसके साथ ही उन्हें डरावनी और भयानक आवाजें भी सुनने को मिलती थीं। 

बेच दिया इसे इटली की सरकार ने
मेंटल अस्पताल बंद होने के कई वर्षों तक यह आइलैंड वीरान पड़ा रहा। साल 1960 में इटली की सरकार ने इसे किसी को बेच दिया। वह व्यक्ति अपने परिवार के साथ यहां रहने आया, लेकिन ज्यादा समय तक रह नहीं सका। उसके साथ भी यहां विचित्र घटनाएं घटने लगीं। कहते हैं कि भटकती आत्माओं ने उसका यहां रहना मुश्किल कर दिया। वह जल्दी ही जान बचा कर यहां से भागा। अब यह आइलैंड पूरी तरह वीरान पड़ा है। यहां के समुद्र में मछुआरे भी मछली पकड़ने नहीं आते। पहले कई बार उनके जाल में इंसानी हड्डियां फंस जाती थीं। 

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