जापान में हर साल फरवरी महीने के तीसरे शनिवार को हड़का मत्सुरी नाम के फेस्टिवल को मनाया जाता है। इसमें हिस्सा लेने वाले पुरुषों को नंगे बदन एक दम ठंडे पानी से नहाना पड़ता है।
जापान: दुनियाभर में कई तरह के त्योहार का आयोजन किया जाता है। इनमें कुछ अपने अजीबोगरीब रिवाजों के लिए जाने जाते हैं। ऐसा ही एक त्योहार जापान में मनाया जाता है। इसे हर साल फरवरी महीने के दूसरे शनिवार को मनाया जाता है। इसका नाम हड़का मत्सुरी है। इसमें लोग जापान के ओकायामा शहर में बने सैदाईजी कान्नोनीन मंदिर में पूजा करने जाते हैं।
साथ आए दस हजार लोग
हर साल की तरह इस साल भी जापान में हड़का मत्सुरी इवेंट का आयोजन किया गया। इसमें करीब 10 हजार लोगों ने हिस्सा लिया। इस इवेंट को नेकेड फेस्टिवल कहा जाता है। इसमें शामिल लोगों को कम से कम कपड़े पहनने होते हैं। इस बार इस फेस्टिवल में दस हजार लोग शामिल हुए थे। इन लोगों ने कपड़े के नाम पर छोटा सा तौलिया, जिसे फुंदेशी कहा जाता है और सफेद रंग का मौजा, जिसे तबी कहा जाता है पहन रखा था।
ऐसे मनाया गया इवेंट
इस इवेंट में करीब दस हजार लोग शामिल हुए। इसमें लोगों को पहले मंदिर की सफाई करनी होती है। इसके बाद शाम को सब एक दम ठंडे पानी से नहाते हैं। इसके बाद सभी मेन मंदिर के परिसर में जाते हैं। रात के समय मंदिर का पुजारी लोगों की तरफ ऊपर की खिड़की से झंडे फेंकते हैं। जिस भी इंसान के हाथ ये झंडे एते हैं, उसका पूरा साल अच्छा जाएगा ऐसा माना जाता है।
30 मिनट में लग जाती है चोट
ये पूरा इवेंट मात्र 30 मिनट के लिए होता है। इसमें एक जगह खड़े 10 हजार लोग ऊपर से फेंके जा रहे झंडे लपकने के लिए आपस में झपट पड़ते हैं। इस दौरान कई लोगों को चोट लग जाती है। इस फेस्टिवल में हिस्सा लेने के लिए जापान के हर शर से लोग आते हैं। ताकि उनका भी पूरा साल अच्छा जाए।