कोरोना के बीच मकान मालिक ने निकाला घर से, अब 4 बच्चों के साथ इस तरह दिन गुजार रहा परिवार

मलेशिया में कोरोना वायरस की वजह जहां एक तरफ मूवमेंट कंट्रोल ऑर्डर लागू है, वहीं जोहोर स्टेट में एक मकान मालिक ने समय पर किराया नहीं दे पाने की वजह से एक फैमिली को घर से बाहर निकाल दिया। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 9, 2020 11:28 AM IST / Updated: Apr 10 2020, 10:41 AM IST

हटके डेस्क। मलेशिया में कोरोना वायरस की वजह जहां एक तरफ मूवमेंट कंट्रोल ऑर्डर लागू है, वहीं जोहोर स्टेट में एक मकान मालिक ने समय पर किराया नहीं दे पाने की वजह से एक फैमिली को घर से बाहर निकाल दिया। अब छोटे-छोटे बच्चों वाला यह परिवार रबर के पेड़ों के एक बागान में किसी तरह एक झोपड़ी बना कर रहने को मजबूर है। कोरोना संकट के दौरान जब लोगों की रोजी-रोजगार पर संकट छा गया है और उनकी आमदनी का जरिया बंद हो गया है, मकान मालिक के इस घटिया व्यवहार की सभी लोग निंदा कर रहे हैं।

6 साल से किराए पर रह रही थी फैमिली
6 लोगों का यह परिवार उस घर में पिछले 6 साल से किराए पर रह रहा था। 44 साल के मोहम्मद बलीशम अब्दुल लतीफ की तबीयत हाल में खराब हो गई थी। इस वजह से वह काम पर नहीं जा सका और उसके इलाज में भी पैसे खर्च हो गए। पहले वह हमेशा समय पर किराया चुका देता था। लेकिन इसी बीच, कोरोना की वजह से मूवमेंट कंट्रोल ऑर्डर (MCO) लागू हो गया। इसके चलते वह काम पर नहीं जा सका और उसके पास पैसे भी नहीं रहे। मोहम्मद बलीशम अब्दुल लतीफ के 4 छोटे-छोटे बच्चे हैं। उसकी वाइफ घर पर ही रहती है।

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मकान मालिक ने घर खाली करने को कहा
जब मकान मालिक ने घर खाली करने को कहा तो लतीफ ने कहा कि जैसे ही मूवमेंट कंट्रोल ऑर्डर खत्म होगा, वह काम पर जाने लगेगा और किराया चुका देगा। उसके घर का किराया RM200 (करीब 3,500 रुपए) महीना है। इसके साथ ही उसे अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और घर के दूसरे खर्चे का भी इंतजाम करना पड़ता है। उसका सबसे छोटा बच्चा 7 महीने का है। लेकिन मकान मालिक ने उसकी बात नहीं मानी। 

रबर के बागान में बनाई झोपड़ी
अब मोहम्मद अब्दुल लतीफ के सामने कोई दूसरा उपाय नहीं रहा। मूवमेंट कंट्रोल ऑर्डर लागू होने के कारण वह कोई दूसरा घर भी नहीं खोज सकता था। आखिरकार, उसने पास के एक रबर बागान में कामचलाऊ झोपड़ी बनाई और वहीं शिफ्ट हो गया। कोरोना संकट में उसे कोई काम भी नहीं मिल पाया। ऐसे में, कुछ रहमदिल लोगों ने उसकी मदद की, ताकि उसके बच्चों को खाने-पीने की कोई दिक्कत नहीं हो। मोहम्मद अब्दुल लतीफ को अपने बच्चों की पढ़ाई की भी चिंता है। 

अब गांव में पिता के पास रह रही है फैमिली
इन परेशानियों के बीच, मोहम्मद अब्दुल लतीफ अपने परिवार के साथ केदाह दारुल अमान स्टेट के अपने गांव काम्पुंग वेंग दालाम में पिता के साथ रहने चला गया। उसका कहना है कि जब हालात ठीक हो जाएंगे तो वह अपने काम पर लौट जाएगा और अपने परिवार के लिए एक घर की भी व्यवस्था करेगा। 

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