पराई महिला के साथ आपत्तिजनक हाल में मिला अधिकारी, पीठ पर दनादन पड़े 28 कोड़े

इंडोनेशिया में अवैध संबंध रखने पर कड़ी सजा दिए जाने के नियम बनाने वाला शख्स खुद एक शादीशुदा औरत के साथ गलत संबंध बनाता पकड़ा गया। उसे 28 बेंतों की सजा सुनाई गई, वहीं उस महिला को भी 23 बेंतों की सजा दी गई।

Asianet News Hindi | Published : Nov 4, 2019 4:10 AM IST / Updated: Nov 04 2019, 10:36 AM IST

हटके डेस्क। इंडोनेशिया में अवैध संबंधों को लेकर कानून बहुत सख्त हैं। अगर कोई अवैध या समलैंगिक संबंध बनाता पकड़ा जाता है तो उसे सार्वजनिक रूप से बेंतों से पिटाई या कोड़े मारने की सजा सुनाई जाती है। हाल ही में वहां एक ऐसा शख्स एक विवाहित महिला से संबंध बनाता पकड़ा गया, जिसने खुद ही अवैध संबंधों के खिलाफ कड़े कानून बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। मुखलिस बिन मुहम्मद नाम का यह शख्स एशेह उलेमा काउंसिल (एमपीयू। का मेंबर था। उसे सार्वजनिक रूप से 28 बेंत मारने की सजा सुनाई गई, वहीं उस महिला को भी 23 बेंत मारने की सजा दी गई। 

एशेह में अवैध संबंधों को लेकर बहुत कड़े हैं नियम
एशेह इंडोनेशिया का ऐसा इलाका है जहां अवैध संबंध बनाने पर बहुत कड़ी सजा दी जाती है। यहां के मुखलिस समुदाय के लोग इस मामले में बहुत कट्टर माने जाते हैं। यहां पूरी तरह इस्लामिक शरिया कानूनों का पालन किया जाता है। यहां समलैंगिकता और जुआ खेलने पर भी बेंतों से पिटाई की सजा दी जाती है। जो इन अपराधों में पकड़े जाते हैं, उन्हें खुलेआम लोगों की भीड़ के सामने कोड़े मारे जाते हैं। 

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खुदा का चलता है कानून
एशेह बेसार जिले के डिप्टी मेयर सुसैनी वहाब ने कहा कि यहां खुदा का कानून चलता है। अगर कोई भी गलत काम करता पकड़ा गया तो उसे सार्वजनिक तौर पर कोड़े मारे जाएंगे, भले ही वह उलेमा काउंसिल (एमपीयू) का ही मेंबर क्यों न हो। जिस शख्स और महिला को बेंतों से पीटने की सजा दी गई, उन्हें एक टूरिस्ट बीच के पास कार में अवैध संबंध बनाते हुए अधिकारियों ने पकड़ा था। उस शख्स को उलेमा काउंसिल से बर्खास्त कर दिया गया है। 

2005 से शरिया नियम हैं लागू
एशेह इलाके में साल 2005 से ही शरिया नियम लागू हैं। 46 साल के जिस शख्स को 28 बेंतों की सजा दी गई, वह धार्मिक शिक्षक है। बताया गया कि शरिया नियमों के लागू होने के बाद वह पहला ऐसा शख्स है, जिसे अवैध संबंध बनाने के लिए सजा दी गई है। साथ में उस महिला को भी सार्वजनिक तौर पर 23 बार बेंतों से पिटाई की गई। एशेह में उलेमा काउंसिल को कड़े से कड़े नियम बनाने का अधिकार हासिल है। समलैंगिकता के खिलाफ यहां साल 2014 में कड़े कानून बनाए गए। यहां एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर, जुआ खेलने, शराब बनाने, बेचने और पीने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। 

2017 में समलैंगिक संबंध बनाने पर दी गई 83 बेंतों की सजा
यहां साल 2017 में दो लोगों को समलैंगिक संबंध बनाते पकड़े जाने पर 83 बेंतों की सजा सुनाई गई थी। बेंत मारने की सजा सार्वजनिक तौर पर दी जाती है और इसके लिए एक प्लैटफॉर्म बनाया जाता है। जो बेंत मारने की सजा देते हैं, उनका पूरा शरीर ढका होता सिवा आंखों के। ऐसा इसलिए किया जाता है कि उनकी पहचान जाहिर नहीं हो सके। सिर्फ बच्चों को यह सजा दिए जाते देखने पर रोक है। शरिया कानून यहां मुस्लिमों के साथ दूसरे समुदाय के लोगों पर भी लागू है।           

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