ईमानदारी की मिसाल बने धनजी भाऊ

इन दिनों सोशल मीडिया पर महाराष्ट्र के धनजी जगदाले की काफी चर्चा हो रही है। धनजी ने दिवाली के दिन गिरी मिली लक्ष्मी को उसके मालिक के पास लौटाकर ईमानदारी की मिसाल पेश की। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 4, 2019 6:22 AM IST / Updated: Nov 04 2019, 03:20 PM IST

महाराष्ट्र: जेब में सिर्फ तीन रुपये हों और सामने 40 हजार रुपये पड़े मिल जाएं तो शायद अच्छे-भले आदमी का ईमान डोल जाए, लेकिन महाराष्ट्र में सतारा के धनजी जगदाले ने ऐसे हालात में भी अपना ईमान नहीं डिगने दिया और ईमानदारी की मिसाल पेश की। छोटे-मोटे काम कर किसी तरह गुजारा करने वाले 54 वर्षीय धनजी जगदाले ने दिवाली पर एक बस स्टॉप पर नकद मिले 40 हजार रुपये उसके असली मालिक तक पहुंचाए।

दिवाली के दिन का है वाक्या 
धनजी ने बताया कि दिवाली के दिन उन्हें किसी काम से दहिवड़ी जाना था। वहां से लौटते हुए उन्हें बस स्टॉप पर नोटों की गड्डी दिखाई दी। उन्होंने तुरंत उसे उठाकर आसपास के लोगों से उसके बारे में पूछा। इसके थोड़ी देर बाद उन्हें एक शख्स दिखा जो परेशान होकर कुछ ढूंढ रहा था। 

पहले किया कन्फर्म 
धनजी ने उस शख्स से परेशानी का कारण पूछा। जब उसने बताया कि उसके 40 हजार रुपए गुम हो गए हैं, तब धनजी ने उसे नोटों की गड्डी थमा दी। अपने पैसे वापस पाकर शख्स ने राहत की सांस ली। 

इनाम से इंकार 
धनजी को शख्स ने बंडल से एक हजार रुपए निकालकर देना चाहा लेकिन धनजी ने इंकार कर दिया। उसने शख्स से मात्र 7 रुपए लिए क्योंकि घर वापस जाने के लिए उसे 10 रुपए की टिकट चाहिए थी। उसके पास सिर्फ तीन रुपए थे, इसलिए उसने 7 रुपए लिए। इस मामले के वायरल होने के बाद बीजेपी एमएलए ने भी उन्हें इनाम देने की घोषणा की। इतना ही नहीं, एक शख्स ने तो उन्हें 5 लाख रुपए भी देने की पेशकश की, लेकिन धनजी ने उसे भी मना कर दिया। धनजी का कहना है कि किसी के पैसे लेकर आपको संतुष्टि नहीं मिल सकती। असली संतुष्टि ईमानदारी के साथ जीवन जीने से आती है। 
 

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