इन दिनों कई लोग अपने पास हैंड सेनेटाइजर रखते हैं। प्रचार-प्रसार के मुताबिक, इनसे हाथों के कीटाणु तुरंत मर जाते हैं। लेकिन अब अमेरिका की एक टीचर द्वारा किए गए रिसर्च ने इस बात को गलत साबित किया है।
अमेरिका: आपने हैंड सेनेटाइजर के कई विज्ञापन देखे होंगे। इनमें बिना पानी के कहीं भी हाथों के कीटाणु मारे जाने का दावा किया जाता है। लेकिन अब एक टीचर ने एक्सपेरिमेंट के जरिये इस दावे पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
साबुन और पानी ही है बेस्ट
अमेरिका के इडाहो में एक स्कूल के टीचर जराली एनिस मेटकाल्फ ने एक्सपेरिमेंट के जरिये लोगों को बताया कि हाथो को साफ़ रखने का सबसे अच्छा तरीका गर्म पानी और साबुन से धोना ही है। महंगे सैनेटाइजर भी इसके सामने फेल हैं।
पांच ब्रेड के साथ एक्सपेरिमेंट
इस एक्सपेरिमेंट के लिए जराली ने पांच ब्रेड के साथ छोटा सा प्रयोग किया। उन्होंने पांच ब्रेड को अपने स्टूडेंट्स से छूने को कहा। इसमें पहले ब्रेड से टीचर ने लैपटॉप साफ किया। ताकि स्टूडेंट्स समझ पाए कि लैपटॉप पर कितने कीटाणु रहते हैं। दूसरे ब्रेड को पैकेट से बाहर नहीं निकाला। तीसरे ब्रेड को स्टूडेंट्स ने बिना हाथों को धोए छुआ। चौथे ब्रेड को साबुन और गर्म पानी से तो पांचवे को हैंड सैनेटाइजर से। इसके बाद जो नतीजा सामने आया, उसने लोगों को चौंका दिया।
चौंकाने वाले थे नतीजे
इस एक्सपेरिमेंट में लैपटॉप साफ़ किया गया ब्रेड सबसे ज्यादा खराब था। वहीं जिसे छुआ नहीं गया था, वो सबसे फ्रेश था। गंदे हाथों से छुआ गया ब्रेड भी काफी खराब हो चुका था। सबसे चौंकाने वाले नतीजे चौथे और पांचवे ब्रेड में दिखी। साबुन से धुले हाथों वाले ब्रेड हैंड सैनेटाइजर वाले से ज्यादा फ्रेश थे।
निकला ये परिणाम
इस एक्सपेरिमेंट से ये बात पता चली कि साबुन और पानी से धुले हाथ ही सबसे साफ होते हैं। हैंड सैनेटाइजर भले ही कुछ भी दावा करे, लेकिन साबुन और पानी वाले हाथ ही सबसे ज्यादा साफ़ होते हैं। जराली ने ये एक्सपेरिमेंट स्टूडेंट्स को ये दिखाने के लिए किया था कि साबुन से हाथ धोना कितना जरुरी होता है?