कुछ लोग रिटायरमेंट की एज में भी इतने फिट रहते हैं कि उन्हें देख कर नवजवानों को भी हैरत होती है। सिंगापुर आर्मी की एक महिला कमांडर 61 साल की उम्र में भी इतनी फिट हैं कि हर साल उन्हें इसके लिए गोल्ड अवॉर्ड मिलता है।
हटके डेस्क। कुछ लोग रिटायरमेंट की एज में भी इतने फिट रहते हैं कि उन्हें देख कर नवजवानों को भी हैरत होती है। सिंगापुर आर्मी की एक महिला कमांडर 61 साल की उम्र में भी इतनी फिट हैं कि हर साल उन्हें इसके लिए गोल्ड अवॉर्ड मिलता है। लियोन मार्गरेट नाम की यह महिला सिंगापुर आर्मी की सबसे अधिक उम्र की कमांडर हैं, लेकिन उनकी फिजिकल फिटनेस को देखते हुए इन्हें अभी रिटायर नहीं किया गया है। मार्गरेट कहती हैं कि उन्हें इस बात के लिए गर्व महसूस होता है कि आर्मी के अफसरों ने उनकी फिटनेस को देखते हुए उन्हें नौकरी पर बहाल रखा है।
फर्स्ट वारंट अफसर हैं मार्गरेट
लियोन मार्गरेट सिंगापुर के बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग सेंटर में फर्स्ट वारंट अफसर हैं और हर साल उन्हें इंडिविजुअल फिजिकल प्रोफिशिएंसी टेस्ट में गोल्ड अवॉर्ड मिलता है। उन्हें देखते हुए ऐसा नहीं लगता कि सेना की नौकरी से उन्हें जल्दी रिटायरमेंट मिलेगी।
क्लर्क के तौर पर हुई थीं बहाल
मार्गरेट सिंगापुर मिलिट्री में साल 1976 में क्लर्क के तौर पर बहाल हुई थीं। उनकी योग्यता को देखते हुए उन्हें कॉम्बैट ट्रेनर के तौर पर काम करने का मौका दिया गया। इसके कुछ ही समय के बाद बेहतरीन परफॉर्मेंस के आधार पर उन्हें 8वीं सिंगापुर आर्मर्ड ब्रिगेड में कंपनी सार्जेंट मेजर का पद दिया गया। सिंगापुर बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग सेंटर में फर्स्ट वारंट अफसर के तौर पर काम करने के पहले वे आर्मर्ड ब्रिगेड में सबसे लंबे समय तक काम करने वाली महिला रही हैं।
55 की उम्र में होने वाली थीं रिटायर
दादी अम्मा बन चुकीं मार्गरेट 55 साल की उम्र में सेना से रिटायर होने वाली थीं, लेकिन उनके कमांडिग अफसर ने उनकी सर्विस एक्सटेंड करने का प्रस्ताव दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। उनके कमांडिंग अफसरों का कहना है कि मार्गरेट कभी थकती नहीं और हमेशा सेना में भर्ती होने वाले अफसरों को ट्रेनिंग देने के लिए तैयार रहती हैं। उन्हें चुनौतियां स्वीकार करने और कठिन से कठिन काम को पूरा करने में मजा आता है।
अपने काम से खुश हैं मार्गरेट
लियोन मार्गरेट का कहना है कि वे नए अफसरों, स्पेशलिस्ट्स और ऑपरेटर्स को ट्रेनिंग देती हैं। उन्होंने कहा कि सेना के जवानों को ट्रेनिंग देने का उन्हें कभी मौका नहीं मिला। मार्गरेट का कहना था कि जब वे सेना की नौकरी से रिटायर होंगी तो उनके पास अनुभवों का खजाना होगा।
कड़ी ट्रेनिंग देती हैं मार्गरेट
मार्गरेट हमेशा नए अधिकारियों को कड़ी ट्रेनिंग देती हैं और उनके साथ खुद भी मेहनत करती हैं। हर अधिकारी को अपने कंधे पर 20 किलो का वजन लेकर दौड़ना होता है, खाइयां पार करनी होती हैं और कठिन परिस्थितियों में जंगलों में रात बितानी होती है। मागर्रेट उन्हें बताती हैं कि कैसे जंगल में कैम्प बनाए जाते हैं और कोई हमला होने पर किस तरह से बचाव कर जवाबी हमला किया जाता है। उन्होंने ट्रेनिंग के बड़े ऊंचे मानदंड बना रखे हैं। वे कहती हैं कि ट्रेनी जो एक्सरसाइज करते हैं, वे खुद भी वही एक्सरसाइज करती हैं। इससे उन्हें लगता है कि मैं इस एज में जब कठिन से कठिन काम कर सकती हूं तो वे क्यों नहीं कर सकते।
स्टाफ करता है काफी सम्मान
उनके अंडर काम करने वाले लोग उनका बहुत सम्मान करते हैं। लियोन मार्गरेट के प्लाटून चीफ कमांडर थर्ड सार्जेंट हजीक मोफे का कहना है कि वे बहुत ही कॉपरेटिव हैं। वे कहते हैं कि ट्रेनिंग देने में मार्गरेट सख्त जरूर हैं, लेकिन स्टाफ के लोग उनसे अपने घरेलू प्रॉब्लम्स को लेकर भी सलाह लेते हैं। वे हर वक्त किसी की मदद करने को तैयार रहती हैं।