इसे कहते हैं खूनी टेलीफोन, 80 साल पहले दुनिया का सबसे क्रूर तानाशाह करता था इस्तेमाल

क्या कोई फोन भी खूनी हो सकता है? जी हां, इस टेलीफोन को खूनी टेलीफोन कहते हैं। इसका इस्तेमाल दुनिया का सबसे क्रूर तानाशाह कहा जाने वाला हिटलर करता था।

Asianet News Hindi | Published : Feb 24, 2020 3:51 AM IST

हटके डेस्क। क्या कोई फोन भी खूनी हो सकता है? जी हां, इस टेलीफोन को खूनी टेलीफोन कहते हैं। इसका इस्तेमाल दुनिया का सबसे क्रूर तानाशाह कहा जाने वाला हिटलर करता था। सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान 1945 में जब सोवियत संघ की सेना ने जर्मनी पर कब्जा कर लिया तो हिटलर ने अपनी प्रेमिका के साथ बंकर में आत्महत्या कर ली थी। यह टेलीफोन हिटलर की दूसरी चीजों के साथ उसके बंकर में ही मिला था। कहा जाता है, यह हिटलर का पर्सनल फोन था और किसी को कोई आदेश देने के लिए वह इसका ही इस्तेमाल किया करता था। बाद में यह फोन अमेरिका के हाथों लग गया। अमेरिका में साल 2017 में इसकी नीलामी मेरीलैंड में हुई, जहां यह 2 लाख, 43 हजार डॉलर में बिका। 

क्यों कहते हैं खूनी फोन
जर्मनी का तानाशाह बनने के बाद हिटलर ने लाखों लोगों को मरवाया था। उसने यहूदियों का बड़े पैमाने पर कत्लेआम करवाया था और कई लाख लोगों को यातना शिविरों में भेज दिया था। सेकंड वर्ल्ड वॉर को शुरू करने के पीछे भी उसी का हाथ माना जाता है। लोगों को मारने और उन्हें यातना शिविरों में भेजने का आदेश हिटलर इसी फोन के जरिए दिया करता था। इसी वजह से इसे खूनी फोन कहा जाता है। हिटलर को अब तक का दुनिया का सबसे क्रूर तानाशाह माना जाता है। 

10 लाख लोगों की गई थी जान
सेकंड वर्ल्ड वॉर के पहले और वॉर के दौरान हिटलर के आदेश पर करीब 10 लाख लोगों को मार दिया गया था। इनमें सबसे ज्यादा संख्या यहूदियों की थी। हिटलर यहूदियों का कट्टर दुश्मन था। वह यहूदियों को गैस चेंबर में भेड़-बकरियों की तरह भर कर मरवाता था। इसके अलावा, हिटलर के नाजी सैनिक इन शिविरों में यहूदियों को तरह-तरह की यातनाएं देते थे। हिटलर ने जितने लोगों की हत्याएं करवाई, उसका इतिहास में दूसरा कोई उदाहरण नहीं मिलता है। हिटलर का नाम ही तानाशाही का पर्याय बन चुका है।

खुदा है टेलीफोन पर हिटलर का नाम
इस टेलीफोन पर हिटलर का नाम भी खुदा हुआ है। कहते हैं कि यह फोन हिटलर को उसके एक प्रमुख सहयोगी वेरमेच ने दिया था। इस फोन पर नाजियों का चिह्न स्वस्तिक भी बना हुआ है। हिटलर के बंकर से बरामद होने के बाद सोवियत सैनिकों ने इस फोन को ब्रिटिश मिलिट्री ऑफिसर सर राल्फ रेनर को एक यादगार के तौर पर दे दिया था। बाद में यह अमेरिका के पास चला गया। इसकी नीलामी एलेक्जेंडर हिस्टोरिकल ऑक्शन्स ने की। एलेक्जेंडर हिस्टोरिकल ऑक्शन्स ने इस फोन को 'नरसंहार का हथियार' ( weapon of mass destruction) बताया, क्योंकि हिटलर इसी फोन से लोगों की हत्या करने के आदेश देता था। 
  

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