240 पन्ने की किताब, नहीं पढ़ पाया कोई

यह दुनिया बेहद रहस्यमय है।  इंसान सोचता है कि वह सभी रहस्यों का पता लगा लेगा लेकिन आज भी एक से बढ़ कर एक ऐसी चीजें सामने आ जाती हैं, जिनके बारे में कोशिश करने पर भी कोई जानकारी नहीं मिल पाती। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 16, 2019 6:09 AM IST / Updated: Aug 16 2019, 12:47 PM IST

रोम: इटली की राजधानी रोम में एक ऐसी  किताब मिली  है, जिसे पढ़ पाने में आज तक किसी को भी सफलता नहीं मिली। इस किताब में 240 पन्ने हैं। कुछ जानकारों का कहना है कि पहले इसमें ज्यादा पन्ने रहे होंगे, पर समय के साथ बहुत से पन्ने नष्ट हो गए। किताब की लिपि अज्ञात है। किताब के पन्नों पर रेखांकन और चित्र भी बने हैं, जिनमें मानव आकृति के साथ-साथ कुछ ऐसी भी तस्वीरें हैं जिनके बारे में कहना मुश्किल है कि वे क्या हैं। 

क्या कहते हैं इतिहासकार 
इतिहासकारों का कहना है कि यह किताब करीब 600 साल पुरानी लगती है। कार्बन डेटिंग की वैज्ञानिक विधि से पता चला है कि किताब 15वीं सदी में लिखी गई, लेकिन इसकी भाषा के बारे में कोई कुछ नहीं बता सका। दुनिया में अभी भी कुछ ऐसी लिपियां हैं, जिन्हें नहीं पढ़ा जा सका है। यह किताब भी लगता है, वैसी ही किसी लिपि में लिखी गई है। किताब की खासियत है इसके पन्नों पर मौजूद चित्र और रेखांकन। 

नाम पड़ा 'वॉयनिक मैनुस्क्रिप्ट'
इतिहासकार और प्राचीन लिपियों के विशेषज्ञ इस किताब के रहस्य को खोल पाने में अभी तक सफल नहीं हो सके हैं। इस किताब को 'वॉयनिक मैनुस्क्रिप्ट' नाम दिया गया है। इस किताब का नाम 'वॉयनिक मैनुस्क्रिप्ट' इटली के एक पुस्तक-विक्रेता विलफ्रीड वॉयनिक के नाम पर इसलिए रखा गया, क्योंकि उन्होंने ही इसे साल 1912 में किसी से खरीदा था।  किताब के पन्नों पर इंसानों के अलावा पेड़-पौधों के चित्र भी बने हुए हैं, पर ये पेड़-पौधे अभी के किसी पेड़-पौधे से मेल नहीं खाते। कुछ विद्वानों का कहना है कि इस किताब के कुछ शब्द लैटिन और जर्मन भाषा से मिलते हैं। 

रहस्यमय क्यों?
कुछ विद्वानों का मानना है कि यह किताब शायद लिखी ही इस उद्देश्य से गई हो कि किसी रहस्य को लंबे समय तक छिपा कर रखा जा सके। पर आखिर यह रहस्य क्या हो सकता है, क्योंकि जब किताब पढ़ी ही नहीं जा सकती है, तो जरूरत पड़ने पर  उसका रहस्य पता कैसे चलेगा।  

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