खुद भूखे रहकर कुत्तों का पेट भरता है ये शख्स

कुछ लोग इतने दयालु स्वभाव के होते हैं कि खुद मुसीबतों में रहने के बावजूद दूसरों के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। मलेशिया के 60 साल के एक बुजुर्ग के पास खुद खाने को पैसे नहीं हैं, लेकिन वे गलियों में आवारा घूमने वाले कुत्तों के लिए खाने का इंतजाम करते हैं। 

मलोशिया। कुछ लोग इतने दयालु स्वभाव के होते हैं कि खुद मुसीबतों से घिरे होने के बावजूद दूसरों के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। मलेशिया के सेरेमबान में रहने वाले एक बुजुर्ग 60 साल के झेंग ऐसे ही शख्स हैं। झेंग पहले एक फैक्ट्री में काम करते थे। लेकिन पिछले साल एक कार एक्सीडेंट में घायल हो जाने के बाद वे काम करने लायक नहीं रह गए। उनके पास खुद रहने का कोई ठिकाना नहीं है। न ही आमदनी का कोई जरिया है कि वे खुद अपना पेट भर सकें। लेकिन इस सब के बावजूद गलियों में आवारा घूमने वाले कुत्तों के लिए ये मसीहा बन चुके हैं। झेंग कुत्तों के लिए खाने का इंतजाम करते हैं और उनकी देख-रेख भी करते हैं।

लिवर कैंसर से हैं पीड़ित
झेंग लिवर कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से जूझ रहे हैं। नौकरी चले जाने के बाद उनकी आमदनी का भी कोई जरिया नहीं रह गया है। पहले से उन्होंने जो कुछ बचत कर रखी है, उसी से अपना काम किसी तरह चलाते हैं। कभी उनके पास इतने पैसे भी नहीं होते कि अपने लिए खाने का इंतजाम कर सकें, लेकिन इन परेशानियों से जूझते हुए भी वे पिछले कई सालों से अपने इलाके में रहने वाले आवारा कुत्तों के लिए खाने का इंतजाम करते हैं। 

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कैसे करते हैं कुत्तों के खाने का इंतजाम
झेंग रोज कुछ दूसरे ग्रामीणों के साथ बाइक से पास के एक होटल में जाते हैं और वहां जो बचा खाना होता है, उसे इकट्ठा करते हैं। इसके बाद वे उस बचे खाने को कुत्तों को खिलाने के लिए फिर से तैयार करते हैं। इस काम में अब कुछ लोग उनकी मदद करने लगे हैं। 

झेंग की हालत अच्छी नहीं
बीमारी, बेरोजगारी और बुढ़ापे के कारण झेंग की स्थिति अच्छी नहीं है। अब मलेशियन चैरिटी एसोसिएशन उनकी देख-रेख कर रहा है। हाल ही में जब इस एसोसिएशन के कुछ लोग झेंग को देखने उनके घर गए तो वहां की हालत देख कर शॉक्ड रह गए। झेंग का लकड़ी का घर बहुत ही बुरी हालत में है। यहां तक कि घर की छत भी टूटी-फूटी है। उनके घर के चारों तरफ कचरे का अंबार लगा हुआ है। वहां पीने के लिए साफ पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है। झेंग कहते हैं कि कई बार वे वर्षा के जल को इकट्ठा कर लेते हैं और उसी से नहाते हैं। उसी पानी को गर्म कर वे कुत्तों के लिए भी खाना तैयार करते हैं। बरसात के समय में उन्हें बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता है। एसोसिएशन के फाउंडर माइक चेन का कहना है कि झेंग का घर कभी भी गिर सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे झेंग की मदद करें।   

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